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Holi Special: होली पर यहां लड़की को लेकर भाग जाते हैं लड़के, घरवाले भी देखते रह जाते, जानें कारण

Updated Mar 17, 2022 | 13:05 IST

Holi 2022 Special: देश के अलग-अलग हिस्सों में होली पर विचित्र परंपराएं निभाई जाती हैं। मध्य प्रदेश के एक गांव में भील आदिवासी के लोग लड़की को लेकर भाग जाते हैं।

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होली पर अजीबोगरीब परंपरा, (Photo- Istock)
मुख्य बातें
  • भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है रंगों का त्योहार होली
  • होली पर देश के अलग-अलग हिस्सों में अजीबोगरीब परंपराएं निभाई जाती है
  • मध्य प्रदेश में तो होली पर लड़के लड़की को लेकर भाग जाते हैं

Holi Special: पूरी दुनिया को रंगों का त्योहार होली का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस त्योहार को लोग काफी धूम-धाम से मनाते हैं। इस दिन पूरा देश रंगों से सराबोर नजर आता है। इस साल होली 18 मार्च यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी इस पर्व पर देश के कुछ हिस्सों में अजीबोगरीब परंपराएं निभाई जाती हैं। कहीं पर लोग रंग नहीं लगाते, तो कहीं होलिका दहन नहीं होता, तो कहीं लड़के लड़की को लेकर भाग जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही विचित्र परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। 

होली पर वैसे तो कई जगहों पर रंगों को लेकर अजीबोगरीब परंपरा है। लेकिन, मध्य प्रदेश के एक गांव में लड़की को लेकर भागने की परंपरा सदियों से निभाई जा रही है। इस बात पर भले ही आपको यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह सच है। मध्य प्रदेश के एक गांव में भील आदिवासी होली के दिन बहुत ही अजीबोगरीब परम्परा निभाते हैं। जानकारी के मुताबिक, होली पर इस गांव में एक बाजार लगता है। यहां के लोग बाजार को हाट कहते हैं। यहां भील आदिवासी होली का जरूरी सामान खरीदने आते हैं। इतना ही नहीं हाट में भील युवक-युवती अपने लिए नया रिश्ता खोजने आते हैं। रिवाज के अनुसार, इस हाट में गांव के सभी लोग एक साथ जमा होते हैं। इसके बाद भील युवक नृत्य करते हुए मांदल नामक एक 'वाद्य यंत्र' बजाते हैं।

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परिजन कुछ नहीं कर पाते...

आपको जानकर हैरानी होगी कि नृत्य करते-करते भील युवक युवतियों के गाल पर रंग-अबीर लगाते हैं। जिस लड़की को भील युवक गुलाल लगाते हैं और बदले में युवती भी युवक को गुलाल लगा देती है, तो दोनों की आपसी रजामंदी समझी जाती है। इसके बाद युवक उस युवती को सबके सामने लेकर भाग जाते हैं। घरवाले चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते हैं। इतना ही नहीं इस रजामंदी को दोनों की शादी ही समझी जाती है। अगर, कोई युवती युवक को गुलाल नहीं लगाती है, तो युवक किसी और युवती के साथ ऐसा कर सकता है। इसमें किसी को कोई ऐतराज नहीं होता है। ये परंपरा काफी सालों से निभाई जा रही है।