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Jharkhand : 1.2 लाख रुपए में लड़की से 12 आम खरीदने वाले कारोबारी बोले-'जहां चाह, वहां राह'

Updated Jun 30, 2021 | 10:23 IST

जमशेदपुर में 11 साल की लड़की आर्थिक तंगी की वजह से स्मार्टफोन नहीं खरीद पा रही थी। यह बात जब मंबई के एक कारोबारी को पता चली तो उसने 1.2 लाख रुपए में लड़की से 12 आम खरीद लिए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
जमशेदपुर की एक लड़की के 12 आम 1.2 लाख रुपए में बिके।
मुख्य बातें
  • कोरोना महामारी के बाद स्कूलों की पढ़ाई ऑनलाइन होने लगी है
  • आर्थिक तंगी की वजह से तुलसी कुमारी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रही थी
  • स्मार्टफोन खरीदने के लिए तुलसी आम बेचकर पैसे जुटा रही थी

जमशेदपुर : हौसले और दृढ़ इच्छाशक्ति से बड़ी से बड़ी मुश्किलों एवं कठिनाइयों से पार पाया जा सकता है। लक्ष्य के प्रति ईमानदार प्रयास लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जरूरतमंद की मदद करने की एक ऐसी ही घटना झारखंड के जमशेदपुर में सामने आई है जहां लॉकडाउन की वजह से एक लड़की ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रही थी लेकिन अब उसकी यह मनोकामना पूरी हो गई है। मुंबई के एक कारोबारी ने लड़की से 12 आम 1.2 लाख रुपए देकर खरीदे हैं। कारोबारी का कहना है कि तुलसी कुमारी ने अपनी लगन से एक मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा, 'जहां चाह है, वहां राह है।'

ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहती थी तुलसी
दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान स्कूलों की पढ़ाई ऑनलाइन होने लगी है। जमशेदपुर में पढ़ने वाली 11 साल की तुलसी कुमारी के पास स्मार्टफोन नहीं था, इस वजह से वह ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रही थी। तुलसी का परिवार आर्थिक तंगी में था। वह जमशेदपुर में सड़क किनारे आम बेचकर परिवार की मदद करने के साथ-साथ स्मार्टफोन खरीदने के लिए पैसों की बचत भी कर रही थी। पढ़ाई के प्रति तुलसी की यह लगन देखकर मुंबई के एक कारोबारी काफी प्रभावित हुए। उन्होंने 1.2 लाख रुपए में तुलसी से 12 आम खरीदे। यानि कि उन्होंने प्रत्येक एक आम के लिए 10,000 रुपए दिए।

मुंबई के कारोबारी ने 1.2 लाख देकर खरीदे 12 आम
वैल्यूबल एडुटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी ए हेते ने तुलसी के पिता श्रीमल कुमार के बैंक अकाउंट में 1.2 लाख रुपए जमा कराए। इसके बाद तुलसी ने अपने लिए एक स्मार्टफोन खरीदा। तुलसी ने टीओआई से कहा, 'हां, मैंने आम बेचे। मैं अपनी ऑनलाइन क्लासेज के लिए स्मार्टफोन खरीदना चाहती थी। इसके लिए मैं पैसों की बचत कर रही थी। मैंने स्मार्टफोन खरीद लिया है। अब मैं ऑनलाइन क्लासेज में शामिल हो सकूंगी।'

'जहां चाह है, वहां राह है'
हेते का कहना है कि वह तुलसी की लगन देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा, 'उसने मदद नहीं मांगी थी। तुलसी को यह मदद न लगे यह संदेश देने के लिए मैंने उसके आम खरीदे। मैंने कोई चैरिटी का काम नहीं किया। तुलसी की कहानी अन्य लोगों को प्रेरित करेगी।' हेते ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'मिसाल पेश करने के लिए तुलसी तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद। जहां चाह है, वहां राह है।'