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हजारों लोगों की जान बचाने वाला बहादुर 'चूहा' अब हुआ 'रिटायर', जानें क्या है माजरा 

Updated Jun 08, 2021 | 13:10 IST

Mine Sniffing Rat: कंबोडिया में मगावा (Magawa) नाम का एक चूहा अपनी पांच साल की सेवा के बाद रिटायर होने जा रहा है उसने इस दौरान तमाम लोगों की जान बचाई है।

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तस्वीर साभार:&nbspYouTube
Magawa Rat
मुख्य बातें
  • Magawa नाम का एक चूहा जो अपनी बहादुरी के तमाम किस्सों के लिए याद किया जाएगा 
  • मगावा अभी तक करीब  71 लैंडमाइन्स और  38 जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगा चुका है
  • मागाबा को 2016 में जब कम्बोडिया लाया गया तो वह महज 2 साल का था

नई दिल्ली:  स्निनफर डॉग यानी सूंघने वाला कुत्ता इसके बारे में तो आप खूब जानते होंगे क्या आपने कभी ऐसे ही स्निनफर रैट (Sniffer Rat) यानी सूंघने वाले चूहे का जिक्र सुना है क्या.. तो आपका बता रहे हैं कि ऐसा ही चूहे कंबोडिया में हैं,  मगावा (Magawa) नाम का एक चूहा जो अपनी बहादुरी के तमाम किस्सों के लिए याद किया जाएगा वो अब पांच साल की सर्विस के बाद रिटायर होने जा रहा है, गौर हो कि इस छोटे से चूहे ने अपने सूंघने की क्षमता (
Mine Sniffing Rat) का उपयोग करके 1.4 लाख स्‍कवायर मीटर  मतलब तकरीबन 20 फुटबॉल पिच जितनी जमीन को सुरंग मुक्‍त बनाने में सहायता की है और इसी खासियत के चलते ये बेहत पॉपुलर है।

मगावा अभी तक करीब  71 लैंडमाइन्स और  38 जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगा चुका है,  मगावा के हैंडलर का कहना है, 'मगावा का प्रदर्शन नाबाद रहा है, मुझे उसके साथ काम करने में बहुत गर्व महसूस होता है क्‍योंकि इतना छोटा होने के बाद भी उसने कई लोगों की जान बचाने में मदद की है। 

हैंडलर का कहना है कि मगावा अब थक गया है, हालांकि, वो अब भी काफी फिट है लेकिन उम्र का असर दिखने लगा है, अब वो अपने पसंदीदा खाने को खाने के लिए आजाद है और वो सब कुछ कर सकता है जो वो करना चाहता है।

जहां लैंडमाइन का विस्फोटक का शक होता, मगाबा रुक जाता है

मागाबा को 2016 में जब कम्बोडिया लाया गया तो वह महज 2 साल का था अब अपनी शानदार सेवाओं के बाद उसे रिटायरमेंट दिया जा रहा है। मागाबा को जहां लैंडमाइन का विस्फोटक का शक होता, वहां वो रुक जाता है फिर जमीन को खुरचने लगता। इसके बाद वहां से हट जाता और स्टाफ लैंडमाइन क्लियर कर देता मगावा को उसके काम के लिए ब्रिटिश चैरिटी द्वारा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।

कम्बोडिया में गृहयुद्ध के दौरान बारूदी सुरंगे बिछाई गईं थीं

गौर हो कि कम्बोडिया में गृहयुद्ध के दौरान जंगलों में हजारों की संख्या में बारूदी सुरंगे बिछाई गईं थी। अकसर, यहां के गुजरने वाले लोगों के पैर इनपर पड़ जाते। दबाव जैसे ही पड़ता ये लैंड माइन्स फट जातीं यानी इनमें ब्लास्ट हो जाता इसे लेकर वहां की सरकार खासी फिक्रमंद थी फिर बाद में  इसे एक एनजीओ एपीओपीओ ने लैंड माइंस (Land Mines) खोजने के लिए प्रशिक्षित किया है इसकी ट्रेनिग इतनी खास है कि इसे दुनिया का सबसे सफल Rodents माना जाता है।