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इंसान के शरीर में फिट किया गया सूअर का दिल, मरीज की हालत है ऐसी, दिलचस्प है मामला

Updated Jan 11, 2022 | 12:11 IST

मैरीलैंड के रहने वाले 57 वर्षीय डेविड बेनेट को कई गंभीर बीमारियां थीं। उनके हर्ट की हालत भी काफी खराब हो गई थी। लेकिन, मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर्स ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन, डेविड को नई जिंदगी देने के लिए हर्ट ट्रांसप्लांट करना बेहद जरूरी था। लिहाजा, उसके शरीर में सूअर का दिल लगाने का फैसला किया गया।

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इंसान के शरीर में लगाया गया सूअर का दिल
मुख्य बातें
  • मेडिकल साइंस का नया कीर्तिमान
  • इंसान के शरीर में लगाया सूअर का दिल
  • हार्ट ट्रांसप्लांट की दुनियाभर में हो रही है चर्चा

लोगों को नई जिंदगी देने के लिए डॉक्टर्स हर संभव कोशिश करते हैं। कई बार तो ऐसी-ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनके बारे में सुनकर काफी हैरानी भी होती है। लोगों को सच्चाई पर यकीन तक नहीं होते रहता है। एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है अमेरिका से, जहां मेडिकल साइंस ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां के डॉक्टर्स ने इंसान को नई जिंदगी देने के लिए मरीज के शरीर में सूअर का दिल लगा दिया। हालांकि, मरीज की हालत अब तक नहीं सुधरी है। लेकिन, इस ट्रांसप्लांट की चर्चा दुनियाभर में हो रही है। आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला?     

जानकारी के मुताबिक, मैरीलैंड के रहने वाले 57 वर्षीय डेविड बेनेट को कई गंभीर बीमारियां थीं। उनके हर्ट की हालत भी काफी खराब हो गई थी। लेकिन, मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर्स ट्रांसप्लांट करने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन, डेविड को नई जिंदगी देने के लिए हर्ट ट्रांसप्लांट करना बेहद जरूरी था। लिहाजा, उसके शरीर में सूअर का दिल लगाने का फैसला किया गया। डॉक्टर्स ने डेविड के शरीर में जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर का दिल फिट कर दिया। डेविड को नई जिंदगी मिल गई, उनकी तबीयत भी थोड़ी ठीक हुई है। लेकिन, हालत स्थिर है। इतना ही नहीं बॉडी में नया किस तरह से काम कर रहा है उस पर डॉक्टर्स नजर बनाए हुए हैं। 

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डेविड के पास थे केवल दो विकल्प

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल स्कूल ने बताया कि यह ऐतिहासिक ट्रांसप्लांट था। लेकिन, मरीज की बीमारी का इलाज फिलहाल अभी निश्चित नहीं है। वहीं, इस पूरे मामले पर डेविड का कहना है कि मेरे पास दो ही विकल्प थे, या तो हार्ट ट्रांसप्लांट करा लूं या फिर मरूं। लिहाजा, मैंने ट्रांसप्लांट कराने का फैसल किया, जो कि अंधेरे में तीर चलाने जैसा था। इस ट्रांसप्लांट का परिणाम क्या होगा इस पर डॉक्टर्स नजर बनाए हुए हैं। लेकिन, लोग इस ट्रांसप्लांट को वरदान मान रहे हैं।