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अपने इन 2 ट्वीट के लिए ट्रोल हो गए मनसुख मंडाविया, हर्ष वर्धन की जगह बने हैं स्वास्थ्य मंत्री

Updated Jul 08, 2021 | 12:50 IST

मनसुख मंडाविया को हर्ष वर्धन की जगह नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। मंडाविया गुजरात के सौराष्ट्र इलाके से आते हैं। मंडाविया को उनके पुराने ट्वीट्स के लिए ट्रोल किया गया है।

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अपने पुराने ट्वीट के लिए ट्रोल हो गए मनसुख मंडाविया।
मुख्य बातें
  • हर्ष वर्धन की जगह देश के नए स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए हैं मनसुख मंडाविया
  • मनसुख के पुराने ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर उन पर तंज कसा गया है
  • राज्य मंत्री से मनसुख को मिला है प्रमोशन, खाद्य मंत्रालय में राज्य मंत्री थे

नई दिल्ली : गुजरात से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनसुख मंडाविया को मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट में हुए फेरबदल में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। हालांकि, मनसुख के शपथ लेने के बाद लोगों ने उनके पुराने ट्वीट ढूंढ निकाले और इन्हें लेकर केंद्रीय मंत्री को ट्रोल करना शुरू कर दिया। पुराने ट्वीट को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर उन पर तंज कसा। मनसुख को हर्ष वर्धन की जगह स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है।

साल 2013 में महात्मा गांधी पर ट्वीट किया था
गुजरात के सांसद मनसुख ने साल 2013 में महात्मा गांधी के बारे में एक ट्वीट किया था। लोगों ने इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि यह हमारे स्वास्थ्य मंत्री हैं। मनसुख ने अपने इस ट्वीट में महात्मा गांधी को 'नेशन ऑफ फादर' लिखा है।  

राहुल गांधी पर ट्वीट के लिए हुए ट्रोल
सोशल मीडिया यूजर्स ने उनका एक और ट्वीट ढूंढ निकाला जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के बारे में टिप्पणी की है। इस ट्वीट में उन्होंने राहुल गांधी को महात्मा गांधी का प्रपौत्र बताया है। इन दोनों ट्वीट्स को लेकर वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए। 

राज्य मंत्री से हुआ है प्रमोशन
कैबिनेट मंत्री बनाए जाने से पहले राज्य मंत्री थे। वह रसायन एवं खाद्य मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। इसके अलावा उनके पास जहाजरानी मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी था। मनसुख गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र से आते हैं। मोदी सरकार में उनकी पहचान युवा एवं एक तेज तर्रार नेता की है।  

हर्ष वर्धन पर सरकार का बड़ा फैसला
मोदी सरकार को लगा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान हर्ष वर्धन का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संकट की चुनौतियों से निपटने के लिए वह जरूरी उपाय नहीं कर पाया जिनकी जरूरत थी। हर्ष वर्धन को हटाकर प्रधानमंत्री ने विपक्ष को हमला बोलने का एक मौका जरूर दिया है। लेकिन पीएम की कार्यशैली बताती है कि वह आलोचनाओं से घबराते नहीं, वह अपने फैसले के साथ आगे बढ़ते हैं।