- भारतीय फिल्मों में शुरू से ही मां के किरदार को बेहद सम्मानित ढंग से प्रदर्शित किया जाता रहा है
- इस बार मदर्स डे 10 मई को मनाया जाएगा
- भारतीय मांओं की कई ऐसी बातें हैं जो उन्हें दुनियाभर की मांओं से अलग बनाती हैं
भारतीय फिल्मों में शुरू से ही मां के किरदार को बेहद सम्मानित ढंग से प्रदर्शित किया जाता रहा है। मां की महिमा को भारतीय संस्कृति में काफी मान्यता दी गई है साथ ही हर किसी के संस्कारों में भी ये सामिल है। फिल्म दीवार का वो डायलॉग 'मेरे पास मां है' आज भी काफी पॉपुलर है। ये डायलॉग आज भी हर पीढ़ी के लोगों की जुबां पर है और मौका आने पर वे इसका इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकते। ये कोई दो शब्द नहीं है बल्कि एक भावना है जिससे हर कोई जुड़ाव महसूस करता है।
बात जब भारतीय मां (Indian Mom)की आती है तो कई ऐसी बातें हैं जो उन्हें दुनियाभर की मांओं से अलग बनाती हैं। बच्चों के प्रति इनका निस्वार्थ प्रेम, त्याग केवल भारतीय मां में ही दिख सकता है। मांओं का बच्चों को लाड प्यार, उनका मेलोड्रामा वाला अंदाज हर कुछ निराला होता है। मदर्स डे के इस मौके पर हम आपके लिए लाए हैं भारतीय मांओं को लेकर कुछ ऐसी फनी बातें जिससे आप भी कनेक्ट करेंगे और हंसे बिना नहीं रह पाएंगे। यहां हम कुछ ऐसे चुनिंदा डायलॉग के बारे में बताएंगे जो अक्सर हर किसी की मांएं जरूर बोलती हैं-
मैंने तेरे लिए मन्नत मांगी थी
मांएं अपने बच्चों के लिए प्रार्थना करती हैं, त्याग करती हैं, उनके लिए व्रत रखती हैं ताकि उन पर कोई आंच ना आए। मानते भी हैं कि मां की दुआ बेहद काम आती है। अगर आप कहीं नौकरी तलाश कर रहे हैं या फिर कहीं आपने इंटरव्यू दिया है तो मां ये जरूर कहेंगी कि मैंने तेरे लिए भगवान से मन्नत मांगी थी!
लोगों को दो वक्त की रोटी नहीं मिलती
मां अपने बच्चे को अपने जान से भी ज्यादा प्यार करती हैं। लेकिन हां बात जब खाने की आती है और बच्चे जब खाने में नखरे दिखाते हैं तो मां की फेवरेट लाइन होती है- लोगों को दो वक्त की रोटी नहीं मिलती और तुम्हारे नखरे खत्म नहीं होते। इस पीड़ा से शायद हर कोई गुजरता होगा इसमें कोई दो राय नहीं है। हालांकि इसमें भी मां का प्यार ही छुपा होता है।
जाओ अपने पापा से पूछो
घर पर चूंकि मां ही परिवार की एक ऐसी सदस्य होती हैं जिन्हें घर का एक-एक कोना मालूम होता है कौन सा सामान कहां है कौन सा सामान कहां नहीं है। इसलिए अक्सर आपने देखा होगा कि किसी भी बात पर पापा जब अपने बच्चे से कहते हैं कि जाओ अपनी मम्मी से पूछो तो पलटकर मां का भी वैसा ही जवाब आता है कि जाओ अपने पापा से पूछो। ये मोमेंट फैमिली में बेहद फनी होता है साथ ही ड्रामे से भरपूर भी होता है।
एक और रोटी
जब कभी मां अपने बच्चे को खाना खिला रही होती हैं तो प्लेट से खाना खत्म हो जाने के बाद मां की तरफ से एक सवाल आना लाजिमी है- एक और रोटी..। फिर चाहे बच्चा कितना भी बड़ा क्यों ना हो गया हो मां के लिए वह बच्चा ही होता है और उसके लिए भी मां का उतना ही प्यार उमड़ता है जितना अपने छोटे बच्चे के लिए।
नजर लग जाएगी
भारतीय मांओं की एक और आदत है जो सबसे अलग व खास है। बच्चा जब कहीं बाहर किसी शुभ काम से जा रहा है या फिर कोई शुभ काम शुरू करने जा रहा है तो अक्सर मां उसे काला टीका लगाएगी। काला टीका लगाकर वे कहेंगी कि किसी की नजर ना लगे।