- कोरोना वायरस महामारी के बीच अन्य जीवों के लिए महामारी साबित हो रही वरदान
- इंसानों के घरों में कैद होने के बीच अपने ठिकानों से बाहर आ रहे दूसरे जीव
- ओडिशा के तट पर आए लाखों कछुए, बड़ी संख्या में दिए अंडे
नई दिल्ली: कोरोना वायरस COVID-19 को दुनिया पर आए दशक के सबसे बड़े संकट के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन यह महामारी प्रकृति और दूसरे जीवों के लिए वरदान साबित होती नजर आ रही है। ओडिशा के रुशिकुल्या में लॉकडाउन के बीच स्थानीय लोग और पर्यटक समुद्र किनारे नहीं पहुंच रहे हैं, इस बीच लुप्तप्राय ओलिव रिडलिस कछुए अंडे देने के लिए वापस समुद्र तट पर आ गए हैं।
वन विभाग के अनुसार, 2,78,502 से अधिक मादा कछुए रेगुलर घोंसला गतिविधि का एक हिस्सा बन रहे हैं। बीते मंगलवार की सुबह से ही हजारों ओलिव रिडले कछुए रोजाना घोंसले खोदने और अंडे देने के लिए समुद्र तट पर पहुंचे रहे हैं। यहां आप ट्वीट्स में इसकी कुछ तस्वीरें देख सकते हैं।
अब तक किनारे पर अंडे देने वाले कछुओं की कुल संख्या 7.9 लाख से ज्यादा हो चुकी है। एक अनुमान के अनुसार इस साल लगभग छह करोड़ अंडे दिए जाएंगे। वन विभाग ने यह भी दावा किया कि इस साल तटों पर आने वाले कछुओं की संख्या सबसे ज्यादा थी, 'हर दूसरा साल या तो अच्छा होता है या फिर बुरा। यानी लगातार ज्यादा अंडों की संख्या कम ही देखने को मिलती हैं।
हालांकि, पिछले 2 वर्षों में घोंसले की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। अनुमान के मुताबिक इस साल रुशिकुल्या बीच पर घोंसला बनाने के लिए कम से कम 4.75 लाख कछुए आने वाले थे लेकिन यहां आंकड़ा काफी आगे निकल चुका है।'
अब तक अपने अंडे देने वाले कछुओं की कुल संख्या 7.9 लाख से ज्यादा है। अनुमान है कि इस साल लगभग छह करोड़ अंडे दिए जाएंगे।