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Rajasthan: स्कूल में छात्राओं संग ना हो छेड़छाड़, सरकार उठाएगी ये अजीबोगरीब कदम!

Updated Oct 19, 2019 | 13:34 IST

Rajasthan Girls Students:राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि गर्ल्स गवर्नमेंट स्कूलों में 50 साल के कम के पुरुष टीचर (Male Teachers) नहीं पढ़ायेंगे ऐसा लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

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राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासारा
मुख्य बातें
  • कुछ ऐसे ही मामले सामने आए थे जहां मेल टीचर द्वारा लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामले हुए थे
  • राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि 50 साल के पुरुष टीचर छात्राओं के स्कूल में नहीं पढ़ायेंगे
  • बाद में शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि यह फैसला तभी लागू किया जाएगा, जब हमारे पास पर्याप्त संख्या में महिला शिक्षक होंगे

नई दिल्ली: लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा किसी भी सरकार की प्राथमिकता में होती है और इसके लिए सरकार कई कदम भी उठाती हैं, ताजा मामला राजस्थान (Rajasthan) से सामने आया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासारा ने कहा है कि 50 साल के पुरुष टीचर (Male Teachers) छात्राओं के स्कूल में नहीं पढ़ायेंगे सरकार ऐसी व्यवस्था के बारे में विचार कर रही है। 

बताया जा रहा है कि कुछ ऐसे ही मामले सामने आए थे जहां मेल टीचर द्वारा लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामले हुए थे उसी को ध्यान में रखते हुए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं।

राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि शिक्षकों के शिक्षकों और शिक्षकों से बात करने के बाद, हम एक रोड-मैप तैयार करेंगे और लड़कियों के स्कूलों में अधिक से अधिक महिला शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए एक नीति तैयार करेंगे, ताकि छात्राओं के लिए कोई समस्या आने वाला समय में पैदा ना हो।

उन्होंने कहा कि हम लड़कियों के स्कूल में अधिक से अधिक महिला शिक्षकों को नियुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि छात्राएं अपनी समस्याओं को साझा कर सकें, जैसे वे अपनी माताओं और बहनों के साथ करती हैं।

यह हमारा उद्देश्य कभी नहीं रहा कि 50 से कम उम्र के शिक्षक ठीक से काम नहीं कर रहे हैं या लड़कियों के स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहिए। लेकिन हम यह देखने के लिए काम कर रहे हैं कि कोई हादसा हमारी बेटियों के साथ न हो और अगर कुछ होता है तो वे महिला शिक्षकों के साथ साझा कर सकते हैं।

राजस्थान के शिक्षा मंत्री के इस बात को लेकर इस मामले से जुड़े एक्सपर्टस इसे अव्यावहारिक बता रहे हैं और इसे बेहद बचकाना कदम करार दे रहे हैं। बाद में शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि यह फैसला तभी लागू किया जाएगा, जब हमारे पास पर्याप्त संख्या में महिला शिक्षक होंगे।