- गुवाहाटी में लोग गुटखा मसाले का सेवन कर उसे यहां-वहां थूक देते हैं
- गुवाहाटी में कई रोड डिवाइडर को पूरी तरह से पन्नी से ढ़क दिया गया है
- ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकि लोग शर्म करें और सड़क पर ना थूकें
नई दिल्ली: कुछ शौक ऐसे होते हैं जो लोगों को तो मजा देते हैं मगर उसके चलते शहर के सौंदर्यीकरण की गत बन जाती है, पान गुटखे (pan gutkha) का शौक ऐसा ही जिसे खाने वाले उसका मजा लेते हैं और जहां मन होता है वहां उसे थूक देते हैं उसपर कोई रोक नहीं लग पाती है, संबधित एजेंसियों को इससे निपटने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
असम की राजधानी गुवाहाटी में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं लोग गुटखा मसाले का सेवन कर उसे यहां-वहां थूक देते हैं जिससे शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था खराब हो रही है और शहर की तस्वीर भी बदहाल दिख रही है।
इससे निपटने को गुवाहाटी में अनूठा कदम उठाया गया है वहां पर कई रोड डिवाइडर (Road Dividers) को पूरी तरह से पन्नी से ढ़क दिया गया है ताकि लोग शर्म करें और सड़क और रोड डिवाइडर पर ना थूकें।
लोग पान मसाला-गुटखा थूकते हैं और बढ़ जाते हैं आगे
आमतौर पर देखा जाता है कि गुवाहाटी में एक पान मसाला और गुटखा खाने वाला एक वर्ग बस अपनी कार की खिड़कियां नीची करता है या अपने दोपहिया वाहनों को धीमा करता है और डिवाइडर पर थूक कर आगे निकल जाता है। पान और गुटखा के दाग के मौजूदा खतरे से निपटने के लिए प्लास्टिक की चादरों से रोड डिवाइडर ढके जा रहे हैं।
वहीं इससे पहले वहां सड़क पर काम कर रहे पेंटर्स ने बताया था कि लोगों की मूर्खता का वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं, जब हम पेंटिंग कर रहे होते हैं तब भी लोग भी लोग थूकना बंद नहीं करते हैं।
वहीं लोग कह रहे हैं कि यह काफी विडंबनापूर्ण है कि ऐसे समय में जब प्लास्टिक पृथ्वी पर सभी जीवन के अस्तित्व के लिए खतरा है और दुनिया इसके खिलाफ युद्ध छेड़ रही है, यहाँ गुवाहाटी में हम शहर की 'सुंदरता' की रक्षा के लिए प्लास्टिक का प्रयोग कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल एक साल के दौरान किया जा रहा है जब पूरे देश में प्लास्टिक मुक्त भारत को बढ़ावा दिया जा रहा है।