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RRB NTPC, Group D Exam 2021: ग्रुप डी, एनटीपीसी के उम्मीदवार सोशल मीडिया पर कर रहे चयन में तेजी की मांग

Updated Dec 03, 2021 | 17:25 IST

RRB NTPC Result 2021, RRC Railway Group D Exam Date 2021: आरआरबी एनटीपीसी, रेलवे ग्रुप डी नौकरी के उम्मीदवार सोशल मीडिया पर विरोध जताकर भर्ती प्रक्रिया पर चिंता जता रहे हैं और सरकार से प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं।

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आरआरबी एनटीपीसी का रिजल्ट जारी होना है

RRB NTPC Result, RRC Railway Group D Exam Date 2021: परीक्षा होने के करीब 5 महीने बाद भी आरआरबी एनटीपीसी उम्मीदवारों को रिजल्ट के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। साथ ही, आरआरसी ग्रुप डी परीक्षा तिथि पर भी कोई अपडेट नहीं है। RRB NTPC और RRC ग्रुप डी भर्ती की घोषणा फरवरी 2019 में की गई थी। इन परीक्षाओं में कुल मिलाकर 2 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया।

आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट पर अंतिम अपडेट 31 अगस्त को घोषित किया गया था, जब रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने उम्मीदवारों से फीस पर वापसी का दावा करने के लिए कहा था। इससे पहले, आरआरबी एनटीपीसी आंसर की जारी की गई थी। 

अब नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने डिजिटल विरोध जताना शुरू कर दिया है और भर्ती में तेजी लाने की मांग की है। 'Speak Up For SSC Railway Students', 'Justice for Railway Students' कैंपेन की आवाज दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही है। कई छात्र संघों ने परीक्षा में देरी को लेकर सवाल उठाए हैं। नाराज उम्मीदवारों ने ट्विटर सहित कई सोशल मीडिया साइटों पर भी अपनी पीड़ा व्यक्त की है। 

कई उम्मीदवारों को ट्विटर पर रेल मंत्रालय और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करके #JusticeForRailwayStudents के साथ रेलवे नौकरी चयन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अनुरोध किया।  

इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि पहले रेलवे में नौकरी एक सम्मान की बात होती थी, आज रेलवे में नौकरी ही नहीं होती, जल्द ही, पहले की तरह रेलवे ही नहीं होगा! जनता से अन्याय बंद करो। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रेलवे में नौकरियों के मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा और ट्वीट किया कि नरेंद्र मोदी जी, आप अपने खरबपति मित्रों को तो कभी इतना इंतजार नहीं कराते। कृषि कानून बनने से पहले ही उनकी तैयारियां करा दी थीं। लेकिन, युवाओं से आपकी क्या दुश्मनी है? रेलवे की परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं की बात क्यों नहीं सुनी जा रही है?