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सब्यासाची की डिजाइन साड़ी के दाम सुनकर लोगों को याद आई दादी, बोले-उन्हें इसके लिए अपनी किड़नी नहीं बेचनी पड़ी

Updated Aug 13, 2021 | 10:24 IST

फेमस भारतीय फैशन डिजाइनर सब्यासाची मुखर्जी ने फैशन ब्रांड एचएंडएम के सहयोग से अपना नया कलेक्शन लॉन्च किया है। इसकी कीमत को लेकर सोशल मीडिया में मीम्स बन रहे हैं।

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सब्यासाची की डिजाइन साड़ी के दाम सुनकर लोगों को याद आई दादी
मुख्य बातें
  • फैशन ब्रांड एचएंडएम के सहयोग से सब्यासाची मुखर्जी ने लॉन्च किया अपना नया कलेक्शन
  • सब्यासाची मुखर्जी की डिजाइन की गई साड़ी के दाम सुनकर चौंक पड़े लोग
  • सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर कर रहे हैं मीम्स

नई दिल्ली: भारत के प्रतिष्ठित फैशन डिजाइनर सब्यासाची मुखर्जी के नए कलेक्शन के लॉन्च होते ही सोशल मीडिया पर मीम्स की बौछार सी हो गई है। दरअसल सब्यसाची ने गुरुवार को फैशन ब्रांड एचएंडएम के सहयोग से अपना नया कलेक्शन लॉन्च किया है। सब्यसाची की पहचान मंहगे लहंगे से लेकर साड़ियों तक, लक्ज़री भारतीय परिधानों को डिज़ाइन करने की है। भारत की मशहूर हस्तियों की शादियों में वह कपड़े डिजाइन करते हुए आए हैं। कई भारतीय लड़कियों के बीच एक लोकप्रिय मजाक यह है कि अगर उन्होंने सब्यसाची लहंगा नहीं पहना तो वे शादी नहीं करेंगी।

मीम्स हुए वायरल

अपने डिजाइनों को किफायती बनाने के प्रयास में, सब्यासाची ने एच एंड एम के साथ हाथ मिलाया है। सब्यसाची एच एंड एम सहयोग-थीम "वांडरलस्ट" आधुनिक और क्लासिक भारतीय कपड़े डिजाइन किए है जिसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग विकल्प मौजूद हैं। इनमें एसेसरीज, आभूषण, जूते और धूप का चश्मा शामिल हैं।  सोशल मीडिया पर सब्यसाजी की डिजाइन की गई साड़ी को लेकर जोक्स और मीम्स वायरल हो रहे हैं। यहां देखिए कुछ मजेदार मीम्स:

एक यूजर ने सब्यासाची की डिजाइन की गई साड़ी और उसका दाम शेयर करते हुए लिखा, '1970 के दौरान ये साड़ी पक्का मेरी दादी के पास रही होगी, लेकिन उन्हें अपनी किडनी नहीं बेचनी पड़ी होगी इसके लिए।'

वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, 'यह मुझे फिल्म इंग्लिस-विग्लिंस की श्रीदेवी वाली वाइब्स दे रही है।'

एक तीसरे यूजर ने लिखा, "सब्यसाची एक्स एच एंड एम इतना शर्मनाक है कि भारतीय बस चालक की तरह दिखने के लिए 70 डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं।"

एक अन्य यूजर ने लिखा "यह एक सूती प्रिंट वाली साड़ी है और लगभग हर बंगाली महिला के पास कम से कम आधा दर्जन हुआ करती थी। वे हर बार धोने के साथ आश्चर्यजनक रूप से नरम हो जाती हैं, और बाद में उन्हें कांथों में सिल दिया जाता है या रसोई के पोंछे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।"

 एक अन्य ने ट्वीट करते हुए लिखा, "मेरी दादी के पास 400 रुपये की एक ही साड़ी है।