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National Youth Day 2021: उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक...स्‍वामी विवेकानंद के प्रेरक Quotes

Updated Jan 12, 2021 | 06:36 IST

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था, हर साल 12 जनवरी के दिन ही राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाया जाता है,इस मौके पर जानें स्वामीजी के कुछ चुनिंदा प्रेरक कोट्स...

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स्वामी विवेकानंद अपने प्रसिद्ध 1893 शिकागो भाषण के लिए जाने जाते हैं

स्वामी विवेकानंद देश के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक थे, स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवन में अपनाकर व्यक्ति कभी भी असफल नहीं हो सकता है। 12 जनवरी 1863 में स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था, भारत सरकार ने सन् 1985 से 12 जनवरी को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' मनाने की घोषणा की थी, 'राष्ट्रीय युवा दिवस' को देशभर में बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है और इस दिन भाषण, पाठ, युवा सम्मेलन, प्रस्तुतियां आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

स्वामी विवेकानंद अपने प्रसिद्ध 1893 शिकागो भाषण के लिए जाने जाते हैं। श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य, विवेकानंद ने भारत में हिंदू धर्म के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 'राष्ट्रीय युवा दिवस' को मनाने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को ये बताना है कि जैसे स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में सफलता हासिल की, वैसे ही उनके विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी भी सफलता हासिल कर सकती है बशर्ते विवेकानंद जी के विचारों को सच्चे मन से अपनाया जाए।

यहां हम विवेकानंद जी के चुनिंदा प्रेरक विचारों और कोट्स का जिक्र कर रहे हैंः- 

  • उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
  • जितना बढ़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
  • दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
  • शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है, विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।
  • एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
  • 'जब तक जीना, तब तक सीखना'-अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।
  • तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाए गीता का अध्ययन करने के।
  • जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
  • जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है -शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।
  • विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
  • खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं।
  • जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही बन जाओगे। खुद को निर्बल मानोगे तो निर्बल और सबल मानोगे तो सबल ही बन जाओगे।
  • शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं।
  • तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं।
  • सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
  • कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।