- झारखंड से चौंकाने वाला मामला सामने आया
- स्कूल में छात्र को बंद करके शिक्षक चले गए
- भाषा नहीं समझ आने के कारण शिक्षकों ने किया ऐसा काम
Ajab Gajab: इस दुनिया में ऐसी-ऐसी घटनाएं घटती हैं, जिनके बारे में जानकर काफी हैरानी होती है। झारखंड से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने लोगों को चौंका दिया है। यहां एक छात्र को टीचर स्कूल के अंदर बंद करके इसलिए चले गए, क्योंकि उन्हें भाषा समझ में नहीं आई। जब सच्चाई सामने तो सब हक्के-बक्के रह गए। तो आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला?
ये अजीबोगरीब घटना पाकुड़ जिले की है। बताया जा रहा है कि अमड़ापाड़ा स्थित कन्या मध्य विद्यालय में आठवीं बोर्ड की परीक्षा देने आए एक छात्र को वहां के शिक्षक-कर्मी एक कमरे में बंद कर घर चले गए। देर रात तक जब छात्र घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश में स्कूल पहुंचे उसके परिजनों ने किसी तरह उसे कमरे से बाहर निकाला। अब जिला शिक्षा अधीक्षक ने मामले की जांच का निर्देश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, पचुआरा मिडिल स्कूल के आठवीं बोर्ड के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र दस किलोमीटर दूर अमड़ापाड़ा कन्या मध्य विद्यालय में बनाया गया है। पचुआरा निवासी छात्र जूलियस मुर्मू परीक्षा में शामिल होने पहुंचास तो उसकी तबीयत खराब हो गयी। स्कूल के एक शिक्षक ने छात्र के घर फोन कर इसकी जानकारी देने की कोशिश की, लेकिन भाषा की समस्या के कारण घर के लोग उनकी बात नहीं समझ पाए।
ये भी पढ़ें - VIDEO: इस देसी भाभी ने रेलवे स्टेशन पर डांस से मचाया ऐसा धमाल, लड़कों ने ऐसे लिए मजे
इधर परीक्षा देते हुए छात्र अचेत हो गया, लेकिन इसपर किसी शिक्षक ने नोटिस नहीं लिया। परीक्षा समाप्त हुई तो सभी शिक्षक-कर्मी स्कूल के सभी कमरों में ताला बंद कर चले गये। शाम के वक्त तक जब जूलियस घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश शुरू हुई। उन्होंने स्कूल शिक्षक के नंबर पर कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। रात लगभग साढ़े आठ बजे घर के लोग स्कूल पहुंचे, पर वहां कोई नहीं था। उन्होंने एक-एक कर सभी कमरों में खिड़कियों से झांका, तो एक कमरे में जूलियस अचेत स्थिति में पाया गया। उसे किसी तरह वहां से निकालकर इलाज के डॉक्टर के पास ले जाया गया।
शिक्षकों-कर्मियों की लापरवाही के इस मामले पर जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गा नंद झा के निर्देश पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका सहित सभी शिक्षकों को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। डीएसई ने कहा है कि मामले में दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।