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Teachers day poems 2021 : टीचर्स डे पर कविताओं के जरिए करें अपने गुरु का सम्मान, तस्वीरों के जरिए दें बधाई

Updated Sep 05, 2021 | 06:15 IST

Teachers Day Poem 2021 in Hindi: हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आप भी इस मौके पर कविताओं के जरिए शुभकामना संदेश भेज सकते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTimes Now
Teachers Day Poem in Hindi,टीचर्स डे की हिंदी कविताएं
मुख्य बातें
  • 5 सितंबर को हर साल टीचर्स डे मनाया जाता है
  • इस दिन शिक्षकों के सम्मान और उन्हें याद करने की परंपरा है
  • इस मौके पर आप कविताओं के जरिए भी शुभकामना भेज सकते हैं

नई दिल्ली: देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर हम अपने गुरुओं, शिक्षकों का सम्मान करते हैं, उन्हें याद करते है। एक शिक्षक की हर व्यक्ति के जीवन में कितनी भूमिका होती है यह सभी जानते है। आप इन छोटी कविताओं को भेजकर अपने शिक्षक, गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त कर सकते है, उन्हें इन कविताओं के बहाने शुभकामना दे सकते हैं-

1. गुरु बिन ज्ञान नहीं
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है,
जब तक है दिनमान नहीं रे॥
मिले न गुरु का अगर सहारा,
मिटे नहीं मन का अंधियारा

लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता,
पग आगे रखते मन डरता।

हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे।
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥

जब तक रहती गुरु से दूरी,
होती मन की प्यास न पूरी।

गुरु मन की पीड़ा हर लेते,
दिव्य सरस जीवन कर देते।

गुरु बिन जीवन होता ऐसा,
जैसे प्राण नहीं, नहीं रे॥

भटकावों की राहें छोड़ें,
गुरु चरणों से मन को जोड़ें।

गुरु के निर्देशों को मानें,
इनको सच्ची सम्पत्ति जानें।

धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का,
कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥

गुरु से जब अनुदान मिलेंगे,
अति पावन परिणाम मिलेंगे।

टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे।
क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे॥

Happy Teachers Day Poem Hindi (शिक्षक दिवस पर कविता)
 
2. सही क्या है, गलत क्या है,
ये सब बताते हैं आप,झूठ क्या है और सच क्या है
ये सब समझाते है आप,
जब सूझता नहीं कुछ भी
राहों को सरल बनाते हैं आप।

3.जीवन के हर अँधेरे में,
रौशनी दिखाते हैं आप,
बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े
नया रास्ता दिखाते हैं आप,
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं
जीवन जीना सिखाते हैं आप!

Hindi Teachers Day Poem (टीचर्स डे की कविता)

4. सुन्दर सुर सजाने को साज बनाता हूँ
नौसिखिये परिंदों को बाज बनाता हूँ.चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी
तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ.
समंदर तो परखता है हौंसले कश्तियों के
और मैं डूबती कश्तियों को जहाज बनाता हूँ,

बनाए चाहे चांद पे कोई बुर्ज ए खलीफा
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ ।

Poem on Teachers Day in Hindi/ Kavita

5. गुरु आपकी ये अमृत वाणी हमेशा मुझको याद रहे
जो अच्छा है जो बुरा है उसकी हम पहचान करे,मार्ग मिले चाहे जैसा भी उसका हम सम्मान करे
दीप जले या अँगारे हो पाठ तुम्हारा याद रहे,
अच्छाई और बुराई का जब भी हम चुनाव करे
गुरु आपकी ये अमृत वाणी हमेशा मुझको याद रहे।

Teachers Day Poems / Kavita

6. हम स्कूल रोज हैं जाते
शिक्षक हमको पाठ पढ़ाते,दिल बच्चों का कोरा कागज
उस पर ज्ञान अमिट लिखवाते,
जाति-धर्म पर लड़े न कोई
करना सबसे प्रेम सिखाते,

हमें सफलता कैसे पानी
कैसे चढ़ना शिखर बताते,

सच तो ये है स्कूलों में
अच्छा इक इंसान बनाते,
 
अज्ञान को मिटा कर,
ज्ञान का दीपक जलाया है।
गुरु कृपा से मैंने,
ये अनमोल शिक्षा पाया है।