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कुत्ते की मौत पर आयोजित की 'तेरहवीं', 1100 लोग हुए शामिल

Updated Jan 19, 2020 | 15:24 IST

पालतू कुत्ते की मौत पर परिवार ने शोक सभा में तेरहवीं का आयोजन किया जिसमें करीब 1100 रिश्तेदार पड़ोसी शामिल हुए।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
कुत्ते की मौत पर तेरहवीं का आयोजन (Credit : Pixabay)

मुजफ्फनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के अलमसपुर गांव में एस कुत्ते की मौत पर तेरहवीं का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या लोग शामिल हुए। 13 जनवरी को कालू नाम के एक पालतू कुत्ते की मौत हो गई थी जिसक शोक मनाने के लिए परिजनों ने तेरहवीं का आयोजन किया था।

कालू डॉक्टर ब्रह्मदत्त सैनी का पालतू कुत्ता था। डॉक्टर सैनी ने बताया कि वह केवल एक कुत्ता नहीं बल्कि हमारे परिवार का एक करीबी सदस्य था, और हम उसकी मौत पर वैसी ही शोक सभा और कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं जैसा किसी इंसान के मरने पर किया जाता है।

तेरहवीं के कार्यक्रम में परिवार काफी शोक में नजर आ रहा था। डॉक्टर सैनी ने बताया कि उन्होंने 14 साल पहले कालू को सड़क पर देखा था उसी समय वे उसे उठाकर घर ले आए थे और पाल रहे थे। जब कालू को वे घर लेकर आए थे तब वे वित्तीय समस्या से गुजर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जब से कालू हमारे घर आया तब से हमारे घर के भाग्य बदले हैं, सारी समस्या धीरे-धीरे खत्म हो गई और हमारे हालात सुधर गए। वह मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी भाग्यशाली साबित हुआ। 

उन्होंने बताया कि कालू काफी दिनों से बीमार था जिसका मुजफ्फरनगर में एक पशु चिकित्सालय में इलाज चल रहा था। उसकी उम्र भी काफी ज्यादा हो गई थी जिसके कारण उसे काफी बीमारियां हो रही थी, कई सप्ताह चले इलाज के बाद आखिरकार उसने हम सबको अलविदा कह दिया। 

सैनी के परिवार ने पालतू कुत्ते कालू को रिश्तेदारों की उपस्थिति में जंगल में दफनाया। उन्होंने तेरहवीं के पहले कालू की आत्मा की शांति के लिए घर पर एक हवन पूजा भी रखी। 

शोक सभा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रिश्तेदारों पड़ोसियों को बाकायदा निमंत्रण कार्ड भेजे गए थे जो काले रंग में था। इस कार्यक्रम में करीब 1,100 रिश्तेदार मित्र पड़ोसी शामिल हुए।