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कोई सीढ़ी, तो कोई एयर ब्रिज, जानें यात्रियों को चढ़ने के लिए एयरलाइंस कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं?

Updated Jan 31, 2022 | 12:29 IST

आपने देखा होगा कि कुछ एयरलाइंस कंपनियां विमान में यात्रियों को चढ़ाने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करती हैं, जबकि कुछ एयर ब्रिज का उपयोग करती हैं, जिन्हें जेट ब्रिज, जेटवॉक या स्काईब्रिज के रूप में भी जाना जाता है।

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अलग-अलग एयरलाइंस कंपनियों के अलग-अलग नियम, (Photo- Istock)
मुख्य बातें
  • अलग-अलग एयरलाइंस यात्रियों को अलग-अलग तरह की सुविधाएं देती हैं
  • कुछ एयरलाइंस कंपनियां सीढ़ियों का इस्तेमाल करती हैं, तो कुछ एयर ब्रिज का
  • बजट के कारण एयरलाइंस कपनियां करती हैं ये काम

हवाई यात्रा के दौरान आपको भी कई तरह के अनुभव हुए होंगे। अलग-अलग एयरलाइंस यात्रियों को अलग-अलग तरह की सुविधाएं देती हैं। लेकिन, क्या आपने कभी गौर किया है कि विमान में यात्रियों को चढ़ाने के लिए कुछ एयरलाइंस कंपनियां सीढ़ियों का इस्तेमाल करती हैं, तो कुछ एयर ब्रिज का। हो सकता है आप में से कुछ लोगों को इसके बारे में जानकारी हो, अगर नहीं तो आज जरूर जान लें।  

आपने देखा होगा कि कुछ एयरलाइंस कंपनियां विमान में यात्रियों को चढ़ाने के लिए सीढ़ियों का उपयोग करती हैं, जबकि कुछ एयर ब्रिज का उपयोग करती हैं, जिन्हें जेट ब्रिज, जेटवॉक या स्काईब्रिज के रूप में भी जाना जाता है। दोनों सीढ़ियां और वायु द्वार विमान के सामने या पीछे के प्रवेश द्वार से जुड़े होते हैं। वहीं, एयर ब्रिज को यात्रियों के लिए लाउंज या प्रतीक्षा क्षेत्र से सीधे जोड़ा जा सकता है। ऐसे में सवाल ये है कि अलग-अलग एयरलाइंस की बोर्डिंग प्रक्रिया में अंतर क्यों है? तो हम आपको बता दें कि बजट के कारण एयरलाइंस कंपनियां ऐसा करती हैं। बजट के कारण ही एयरलाइंस कंपनियां कुछ सुविधाओं को छोड़ देती हैं। इससे कंपनी को उड़ान के लिए कुल खर्च कम पड़ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो एयरलाइंस के लिए यात्रियों को चढ़ने के लिए सीढ़ियों के बजाय एयर गेट का इस्तेमाल करना महंगा पड़ता है।

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वहीं, कई एयरलाइंस सीढ़ियों का विकल्प चुनती हैं, क्योंकि अधिकांश हवाई अड्डे पर हवाई फाटकों के लिए उच्च शुल्क लेते हैं, जो आमतौर पर लैंडिंग शुल्क में शामिल नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, लंदन गैटविक एयरलाइंस हर यात्री से £14.95 यानी 1,504 रुपए का प्रस्थान शुल्क ले सकता है। लेकिन सीढ़ियों का विकल्प चुनकर एक यात्री से  लगभग £4 यानी 402 रुपए कम किया जा सकता है। लागत में कटौती का एक अन्य तरीका मुख्य हवाई अड्डे से दूर एक बोर्डिंग और लैंडिंग स्थान का चयन करना है। क्योंकि, हवाई द्वार के लिए पार्किंग शुल्क बहुत अधिक है। डिग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सस्ती एयरलाइंस लागत कम करने के लिए हवाई अड्डे से दूर लैंडिंग और बोर्डिंग स्पॉट का विकल्प चुनती हैं।