अपने बच्चे को जन्म देना किसी भी मां के लिए बेहद गर्व के लम्हे होते हैं और उसके बाद जब वो अपने मासूम को गले से लगाती है तो उसका सारा दुख दर्द दूर हो जाता है, लेकिन कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि चाहकर भी ऐसा नहीं हो पाता है। अमेरिका से ऐसा ही एक मामला सामने आय़ा है जहां पर एक मां ने कोरोना के दौरान अपने बच्चे को जन्म दिया।
अमेरिका के विस्कॉन्सिन की रहने वाली केल्सी टाउनसेंड (Kelsey Townsend) नाम की एक महिला के साथ कोरोना काल में ये वाकया पेश आया। बताया जा रहा है कि टाउनसेंड गर्भवती होने के दौरान COVID-19 से संक्रमित हो गई, 4 नवंबर को, उसने सिजेरियन माध्यम से एक लड़की को जन्म दिया, जो उसकी पांचवीं संतान है जिसका नाम लूसी रखा गया। दुर्भाग्य से उसी दौरान कोरोना वायरस ने उसपर कहर बरपाया था, इसलिए उसे कोमा से गुजरना पड़ा जिससे वापस आने में उसे करीब 75 दिन लगे।
यह 27 जनवरी था जब मैडिसन नामक शहर के अस्पताल से उसे छुट्टी मिली लगभग तीन महीनों के बाद उसने अपनी बेटी लूसी को अपनी बाहों में लिया यह एक ऐसा क्षण था जिसे वह हमेशा के लिए संजोना चाहती थी।
वह अपनी नवजात बेटी को यह कहते हुए फोटो खिंचवा रही थी, 'मैं तुमसे प्यार करती हूं। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। हां, मैंने तुम्हें याद किया है।' एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए, डॉक्टरों ने कहा कि एक माँ के लिए यह अत्यंत दुर्लभ है कि वह इतनी गंभीर रूप से बीमार हो। उसका संतृप्ति स्तर इतना कम था कि इससे भ्रूण के मस्तिष्क और अन्य अंगों को खतरा था। इसलिए, जल्द से जल्द बच्चे का प्रसव होना अनिवार्य था।
पति डेरेक टाउनसेंड परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़े थे
जब केल्सी जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रही थी, उसके पति डेरेक टाउनसेंड परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़े थे, उसके अस्थिर स्वास्थ्य के साथ, वे लगभग सभी आशा खो चुके थे।
उन्होंने बताया, 'लूसी के साथ पिछले तीन महीने से, आप जानते हैं कि उसका सिर हमेशा हिलता रहता है और वह हमेशा देखती रहती है मैंने केल्सी से कहा कि मुझे विश्वास है कि वह लगातार उसके लिए देख रही है।' यही वह भावना थी जिसने केल्सी को और मजबूत बनाया। उसने कहा, 'परिवार मेरे लिए सब कुछ है। इसलिए मेरे पास यहीं रहने और घर आने के लिए सब कुछ है।'फोटो साभार-AP