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World Television Day: कभी सप्‍ताह में 2 दिन 1-1 घंटे ही चलता था TV, आज जीवन के 10 साल TV देखते बिता देता है इंसान

Updated Nov 21, 2021 | 06:18 IST

दुनियाभर में आज विश्‍व टेलीविजन दिवस मनाया जा रहा है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं टीवी किस तरह अस्तित्‍व में आया? भारत में इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई और कैसे इसने हमारे जीवन को पूरी तरह बदल दिया?

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
World Television Day:

World Television Day: टेलीविजन आज हर घर का एक अहम हिस्‍सा बन चुका है। समाचार से लेकर फिल्‍म, सीरियल, अलग-अलग तरह के शो... सबकुछ है टीवी की इस दुनिया में। आज इसी टेलीविजन को समर्पित दिन है, जिसे पूरी दुनिया में वर्ल्‍ड टेलीविजन डे (World Television Day) के तौर पर मनाया जाता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने दिसंबर 1996 में हर साल 21 नवंबर को विश्‍व टेलीविजन दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया था। लेकिन क्‍या आप जानते हैं, टीवी का आइडिया आखिर आया कहां से? किसने इसका अविष्‍कार किया और भारत में आखिर यह कब और कैसे पहुंचा?

बात जब टेलीविजन के अविष्‍कार की आती है तो यहां यह समझ लेने की जरूरत है कि टीवी का अविष्‍कार किसी एक साल में नहीं हुआ है, बल्कि इसका विकास साल दर साल होता रहा है। हर बार एक नई तकनीक को जोड़कर इसे और बेहतर बनाने की कोशिश की गई। यह सिलसिला आज भी जारी है और इसलिए हम जब कभी बाजार में जाते हैं, हमें टीवी के अपग्रेडेड वर्जन के बारे में पता चलता है।

टीवी आज जिस रूप में हमारे सामने है, वहां तक पहुंचने से पहले इसने लंबा सफर तय किया है। टीवी जैसी तकनीक दुनिया के सामने लाने में यूं तो कई तकनीकी विशेषज्ञों का योगदान रहा है, लेकिन जॉन लॉजी बैरर्ड को इसके आविष्‍कारक के तौर पर जाना जाता है। उन्‍हें 'फादर ऑफ टेलीविजन (Father of Television)' के तौर पर भी जाना जाता है।

भारत में कैसे आया टेलीविजन?

टीवी की खोज का साल अक्‍टूबर 1925 माना जाता है और इस तरह यह 96 वर्ष का हो चुका है और शतक पूरा करने से महज चार वर्ष दूर है। हिंदी में इसे दूरदर्शन कहा जाता है, क्‍योंकि इसमें दूर के किसी व्‍यक्ति या वस्‍तु की गति करती हुई तस्‍वीर हमारे सामने होती है। भारत में इसकी शुरुआत एक प्रयोग के तौर पर सितंबर 1959 में हुई थी। तब सप्‍ताह में महज दो बार एक-एक घंटे के कार्यक्रम का प्रसार टीवी पर हुआ करता था।

मौजूदा दौर में जहां टीवी 24X7 चल रहा है, वहीं किसी ऐसे दौर की कल्‍पना भी मुश्किल लगती है, जब टीवी सप्‍ताह में दो दिन महज एक-एक घंटे के लिए चलता था। लेकिन भारत में शुरुआत के वर्षों में यही स्थिति थी। भारत में इसका प्रसारण 'ऑल इंडिया रेडियो (All India Radio)' के अंतर्गत शुरू हुआ था। लेकिन 1976 में यह एक स्‍वतंत्र विभाग बना और देश के कई हिस्‍सों में टेलीविजन केंद्र भी खोले गए।

इसके बाद तो टीवी के विकास का निरंतर सिलसिला चल पड़ा और 1997 में इस दिशा में बड़ा कदम तब सामने आया, जब प्रसार भारती का गठन किया गया। टीवी आज हमारे जीवन का अहम हिस्‍सा बन गया है और यह हमें कई तरह से प्रभावित करता है। यह हमारे रहन-सहन और सोचने तक के तरीके पर असर डालता है। आज जब टीवी 24X7 संचालित हो रहा है और लोग इसे देखते हुए काफी वक्‍त बिता रहे हैं तो इस बारे में एक अहम व दिलचस्‍प तथ्‍य यह भी है कि औसतन एक इंसान अपनी जिंदगी के तकरीबन 10 साल टीवी देखते हुए बिता देता है।