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मूवी, सीरियल की तरह रिकॉर्ड कर सकेंगे सपने, खूब देखिए 'Sweet Dreams' और जब चाहे दिखाइए

Updated Sep 16, 2022 | 13:50 IST

विज्ञान और तकनीक के इस युग में कुछ भी असंभव नहीं है। कभी आपने सोचा है कि जो सपना आपने रात में देखा था वो उसे आप रिकॉर्ड कर अगले दिन देख सकते हैं? लेकिन अब ऐसा संभव है।

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विज्ञान के इस युग में सपने भी हो सकते हैं रिकॉर्ड (फोटो- आईस्टॉक)
मुख्य बातें
  • विज्ञान के इस युग में सपने भी हो सकते हैं रिकॉर्ड
  • जापानी वैज्ञानिक कर चुके हैं सपने रिकॉर्ड करने का सफल प्रयोग
  • सपने देखने के बाद आप रिकॉर्ड कर उन्हें तकनीक के जरिए फिर देख सकते हैं

Dream-reading machine: क्या आपने कभी अपने सपनों को फिल्म की तरह रिकॉर्ड करने और चलाने के बारे में सोचा है? निश्चित रूप से आपका उत्तर "नहीं" में होगा। लेकिन अब अपने सपनों को रिकॉर्ड करना कोई सपना नहीं रह गया है। एक सपना विचारों या छवियों की एक सीरीज है जो आपकी नींद के दौरान आपके दिमाग में होती है। एक चमत्कार के माध्यम से, जापानी वैज्ञानिकों ने मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिनिंग स्कैनर (एमआरआई स्कैनर) के माध्यम से आपके सपनों को रिकॉर्ड करने का एक तरीका खोज लिया है।

डिजिटल दौर में कुछ भी असंभव नहीं

इस डिजिटल युग में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में लगातार हो रही खोज और प्रयोगों ने सभी सीमाएं पार कर ली हैं जिससे हर संभव लक्ष्य हासिल करना संभव हो गया है, दूसरे शब्दों में कहें तो कुछ भी असंभव सा नहीं रह गया है। साइंस और टेक्नोलॉजी के इस युग में ऐसा लगता है कि मनुष्य एक जादुई परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है जहां हर चीज संभव है।

सपने पढ़ने वाली मशीन के साथ नींद के दौरान दिमाग में चल रही तस्वीरों या खयालों को डीकोड करने के लिए वैज्ञानिकों ने एल्गोरिदम में एकीकृत किया है जो सपनों को एकत्र कर फिर से तैयार करता है। एल्गोरिथ्म की बात करें तो, इसका उपयोग मस्तिष्क से डेटा को उपयुक्त छवियों में एकीकृत करने के लिए किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने जिस रूप का इस्तेमाल किया है वह यह है कि जब हम नींद के दौरान सपने देखते हैं तो मानव मस्तिष्क हार्मोन का पैदा करता है। दूसरी ओर, मस्तिष्क द्वारा उत्पादित हार्मोन का संबंध नींद में हमने जो सपना देखा, उससे संबंधित है। उदाहरण के लिए, जब हम सपने में चूहे को देखते हैं, तो हमारा मस्तिष्क उसे भेदने के लिए हार्मोन पैदा करेगा।

तकनीक का कमाल

अध्ययनों के अनुसार, वैज्ञानिकों ने सपनों को  पढ़ने वाली मशीन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दो तकनीकों का उपयोग किया है। पहली तकनीक में, एक व्यक्ति को एमआरआई मशीन में सोने के लिए कहा गया और कुछ सपने देखने की अनुमति दी गई। वैज्ञानिकों ने ईईजी रीडिंग का उपयोग यह पहचानने के लिए किया कि व्यक्ति ने सपने देखना कब से शुरू किया। अगले चरण में, वही व्यक्ति जाग गया और उसे याद करने के लिए कहा कि वह किस बारे में सपना देख रहा था।

इस तरह किया गया प्रयोग

यह बताया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए इस प्रक्रिया को लगभग 200 बार दोहराया गया था। वैज्ञानिकों ने एकत्रित डेटा को विभाजित किया है और इस तथ्य की खोज की है कि कुछ सामान्य प्रकार की वस्तुएं एमआरआई स्कैनर द्वारा दर्ज किए गए मस्तिष्क के पैटर्न के साथ व्यक्तियों के सपनों को एकत्र कर सकती है।

अगले चरण में, वैज्ञानिकों ने उन छवियों को देखने के लिए एक इंटरनेट सर्ज इंजन का उपयोग किया है जो व्यक्तियों के सपनों में आए वस्तुओं के समान थे और डेटा को एक लर्निंग एल्गोरिदम में दर्ज किया जो मॉडल को और भी रिफाइन कर सकता है। जापानी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए निरंतर प्रयोगों और शोधों ने उन्हें "ड्रीम-रीडिंग मशीन" की खोज करने में सक्षम बनाया है।