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यूपी: एक कॉल पर आएगी एंबुलेंस, सरकार ला रही है नया सिस्टम !

Updated Jul 29, 2022 | 20:16 IST

Ambulance Service in UP: एंबुलेंस सेवा के लिए कॉल सेंटर में रोजाना 40 हजार लोगों की कॉल अटेंड करने की क्षमता होगी। अनुमान है हर साल इसके जरिए 3 लाख मरीजों का ईलाज होगा।

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यूपी में शुरू होगी नई एंबुलेंस सेवा
मुख्य बातें
  • दो वर्षों में कॉल सेंटर और मोबाइल ऐप तैयार किया जाएगा।
  • पहले चरण के तहत दिसंबर 2023 तक सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
  • प्रदेश के 47 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे।

Ambulance Service in UP:यूपी सरकार एक कॉल पर एंबुलेंस सेवा देने की तैयारी कर रही है। साथ ही बेहतर सर्विस के लिए लाईव इमरजेंसी मानिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। जिसके लिए इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी सेंटर की स्थापना भी की जाएगी। योजना के तहत कॉल सेंटर में रोजाना 40 हजार लोगों की कॉल अटेंड करने की क्षमता होगी। और अगले दो वर्षों में कॉल सेंटर और मोबाइल ऐप तैयार किया जाएगा। सरकार की दिसंबर 2023 तक योजना के पहले चरण को शुरू करने की तैयारी है। पूरी योजना शुरू होने के बाद अनुमान है हर साल इसके जरिए 3 लाख मरीजों का ईलाज होगा।

क्या है योजना

यूपी सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और एम्स , प्रशिक्षण और गैप एनालिसिस में सहयोग देंगे। योजना की मुख्य सचिव के स्तर पर सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। और जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा करेंगे। योजना के लिए दिसंबर 2023 तक मध्यकालीन और दिसंबर 2026 तक दीर्घकालीन रणनीति बनाई गई है। दो वर्षों में कॉल सेंटर और मोबाइल ऐप तैयार किया जाएगा। साथ ही 4 लेवल वन, 4 लेवल दो और 4 लेवल तीन के इमरजेंसी चिकित्सा केंद्रों को एक्टिव किया जाएगा। ऐसे ही दीर्घकालीन रणनीति के तहत करीब 4000 एंबुलेंस एक्टिव की जाएगीं। 9 लेवल वन, 10 लेवल दो और 27 लेवल तीन के आकस्मिक चिकित्सा केंद्र तैयार किए जाएंगे।

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47 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में खुलेंगे ट्रामा सेंटर

पूरी योजना को लागू करने के लिए 47 मेडिकल कॉलेज और संस्थानों में ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे। इसमें लेवल थ्री और टू स्तर के मेडिकल कॉलेजों को लेवल वन में अपग्रेड किया जाएगा। साथ ही ट्रामा और इमरजेंसी में बेडों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी।दिसंबर 2023 तक एसजीपीजीआई, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, कन्नौज, बदायूं, अयोध्या, जिम्स नोएडा, बस्ती, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और बहराइच मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड किया जाएगा।

जबकि दिसंबर 2026 तक यूपीएमएस सैफई, आरएमएलआईएमएस, आगरा, झांसी, प्रयागराज, चाइल्ड पीजीआई, बांदा, सहारनपुर, जालौन, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, हरदोई, एटा, फतेहपुर, देवरिया, जौनपुर, मिर्जापुर, गाजीपुर और 14 अन्य मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा।