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कमाल की है ये पोस्ट ऑफिस स्कीम, 5 साल में 10 लाख रुपये से बनाएं 14 लाख रु!

Updated Sep 05, 2022 | 14:10 IST

National Saving Certificate: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट सरकार द्वारा समर्थित योजना है। यह 5 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है। ब्याज सालाना चक्रवृद्धि होता है लेकिन निवेशक को इसका भुगतान परिपक्वता पर किया जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
कमाल की स्कीम, 5 साल में 10 लाख रुपये से बनाएं 14 लाख रु!
मुख्य बातें
  • एनएससी पर दी जाने वाली ब्याज दर सरकार हर तिमाही तय करती है।
  • वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि NSC कम आयकर वर्ग के निवेशकों के लिए उपयुक्त है।
  • एनएससी को रिडीम करते समय कोई टीडीएस नहीं काटा जाता है।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) सबसे लोकप्रिय पोस्ट ऑफिस सेविंग योजनाओं (Post Office Saving Scheme) में से एक है, जो धारा 80 सी के तहत टैक्स लाभ के साथ गारंटीड रिटर्न भी प्रदान करती है। फाइनेंशियल प्लानर्स अक्सर रिल्क से बचने वाले निवेशकों को नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (National Saving Certificate) में निवेश करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह एक निश्चित रिटर्न की पेशकश करते हुए कैपिटल को सुरक्षित रखता है।

किसको मिलता है एनएससी का लाभ?
विशेषज्ञों का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों द्वारा नियमित मासिक आय उत्पन्न करने के लिए एनएससी का इस्तेमाल किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति इस योजना में अपने नाम से या नाबालिगों की ओर से निवेश कर सकता है। एनएससी को दो लोगों द्वारा संयुक्त रूप से भी खरीदा जा सकता है।

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पांच साल में होगा लाखों का फायदा
मौजूदा तिमाही के लिए सरकार द्वारा नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी की दर से ब्याज (NSC Interest Rate) दिया जा रहा है। उपरोक्त ब्याज दर के आधार पर, अगर आप आज एनएससी में 1000 रुपये का निवेश करते हैं, तो आपका निवेश पांच साल बाद बढ़कर 1389 रुपये हो जाएगा। चूंकि एनएससी में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, इसलिए कोई भी व्यक्ति किसी भी राशि के लिए एनएससी खरीद सकता है। इसलिए, अगर आप आज एनएससी में 10 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो आपका निवेश पांच साल बाद बढ़कर 13.89 लाख रुपये हो जाएगा।

टैक्स का भी मिलेगा लाभ (NSC Tax Benefit)
एनएससी में हर एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक निवेश की गई राशि धारा 80 सी के तहत आयकर (Income Tax) कटौती के योग्य है। चूंकि एनएससी पर अर्जित ब्याज हर साल अर्जित किया जाता है और परिपक्वता पर भुगतान किया जाता है, ब्याज राशि को हर साल फिर से निवेश किया जाता है और हर साल कर कटौती के लिए योग्य होता है, जो अधिकतम 1.5 लाख रुपये की सीमा के अधीन होता है। हालांकि, मैच्योरिटी पर एनएससी पर अर्जित पूरा ब्याज जमाकर्ता के हाथ में टैक्स योग्य हो जाता है।

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(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)