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Varanasi News: बाबा विश्वनाथ के दरबार में निशुल्क भरपेट प्रसाद की शुरू हुई व्यवस्था, ऐसे पा सकते हैं प्रसाद

Updated Jun 14, 2022 | 18:33 IST

Kashi Vishwanath Temple Varanasi: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को अब निशुल्क भरपेट प्रसाद खिलाया जाएगा। इसके लिए कॉरिडोर में ही सरस्वती फाटक पर भोगशाला का शुभारंभ किया गया है। बाबा के भक्तों को शुद्ध एवं सात्विक प्रसाद खिलाया जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
वाराणसी के काशी विश्वनाथ दरबार में निशुल्क प्रसाद की व्यवस्था शुरू (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • भोगशाला कालिका गली के सरस्वती फाटक के पास बनाई गई है
  • पूरी तरह से शुद्ध और सात्विक होगा प्रसाद
  • काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में श्रद्धालु नीलकंठ महादेव और अमृतेश्वर महादेव के भी कर सकेंगे दर्शन

Kashi Vishwanath Temple Varanasi: महादेव की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वाले श्रद्धालु अब भूखे घर नहीं जाएंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले दर्शनार्थी अब बाबा दरबार में प्रसाद भी ग्रहण कर पाएंगे। बाबा विश्वनाथ के धाम में श्रद्धालुओं के लिए बाबा का भंडारा शुरू हो गया है। इस नवनिर्मित भोगशाला की शुरुआत श्रद्धालुओं को प्रसाद खिलाने के साथ हुई। सोमवार को न्यास सदस्य ब्रज भूषण ओझा और काशी विद्वत परिषद के प्रो. रामनारायण द्विवेदी के आचार्यत्व में 51 ब्राह्मणों ने मंगलाचरण का स्वसर पाठ किया। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के भोजन प्रसाद के लिए भोगशाला का शुभारंभ कर दिया गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने नवनिर्मत भोगशाला को अन्नपूर्णा भवन नाम दिया है।

बता दें कि, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि, दोपहर की भोग आरती के पश्चात दर्शनार्थी बाबा के परिसर में शुद्ध और सात्विक प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। इस भोगशाला को कालिका गली स्थित सरस्वती फाटक के पास बनाया गया है। जहां आसानी से श्रद्धालु दर्शन करने के उपरांत पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर पाएंगे।
 

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में इन प्रमुख मंदिरों में दर्शन शुरू

जानकारी के लिए बता दें, श्री काशी विश्वनाथ धाम में अब श्रद्धालु नीलकंठ महादेव और अमृतेश्वर महादेव के दर्शन भी कर सकेंगे। काशी खंडोक्त मंदिरों को जीर्णोद्धार के बाद सोमवार से आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। कॉरिडोर के निर्माण के दौरान इन दोनों मंदिरों में आम दर्शनार्थियों का दर्शन-पूजन बंद चल रहा था, जमीन से लगभग 20 से 30 फीट नीचे दोनों मंदिर हैं। सोमवार को मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा, न्यास सदस्य ब्रजभूषण ओझा और काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी की उपस्थिति में दोनों मंदिरों में पूजन-अर्चन किया गया। षोडशोपचार पूजन के बाद मंदिर को आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया है।


नीचे स्थित मंदिरों में लगाई गई है हवादार जाली

जानकारी के लिए बता दें, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया है कि, मंदिर में प्रकाश और हवा की व्यवस्था के लिए ही स्टील की जाली चारों ओर लगाई गई है वहीं स्टील की चादर से ही इन मंदिरों का छज्जा बनाया गया है। सीढ़ियों पर किनारे की ओर स्टील की रेलिंग भी लगाई गई है ताकि दर्शनार्थी आसानी से इन को पकड़कर नीचे जा कर पूजा-अर्चना कर सकें।

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