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Varanasi BHU: बीएचयू के वैज्ञानिकों ने तैयार की कैंसर की सस्ती दवा, जल्द शुरू होगा इलाज

Updated Apr 17, 2022 | 14:11 IST

BHU Research Center: बनारस हिन्दू विश्वविद्याल के वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के दिशा सफल परीक्षण कर किफायती दवा इजाद की है। इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कैंसर जैसी बीमारी का अब BHU में सस्ती दवा से इलाज
मुख्य बातें
  • वैज्ञानिकों ने नीम की पत्तियों और उसके फूल से अनोखी दवा बनाने का किया दावा
  • इस वैज्ञानिक रिसर्च पर अमेरिका ने भी लगाई मुहर
  • इस दवा का नहीं है कोई साइड इफेक्ट

BHU Cancer Medicine : जो असंभव है वो काशी में संभव है। कैंसर का किफायती इलाज मिल गया है। सर्व शिक्षा की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। बीएचयू के वैज्ञानिकों ने नीम की पत्तियों और उसके फूल से कैंसर  जैसी खतरनाक बीमारी की सबसे सस्ती दवा को तैयार करने का दावा किया है। विश्वविद्यालय के जूलॉजी डिपार्टमेंट के वैज्ञानिकों ने बकायदा चूहों पर इसका सफल ट्रायल कर अब ह्यूमन बॉडी पर क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी शुरू कर दी है।

बीएचयू के वैज्ञानिकों के इस रिचर्स पर अमेरिका ने भी मुहर लगाई है। अमेरिका से प्रकाशित होने वाली अंतराष्ट्रीय जनरल एनवायरनमेंट टास्कइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.बीएचयू के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ अजय कुमार,प्रदीप कुमार और उनकी टीम ने इस इसका सफल ट्रायल किया है।

नीम के फूलों से कैंसर का इलाज

डॉ अजय कुमार ने बताया कि यह दवा नीम के फूलों में पाई जाने वाली निम्बोलाइड्स से तैयार होगी। हमारी रिचर्स टीम ने इन्ही फूलों में पाए जाने वाले निम्बोलाइड्स को कैंसर ग्रस्त चूहों में इंजेक्ट किया तो इसके 30 दिन बाद इसके सुखद परिणाम देखने को मिले। जिन चूहों में निम्बोलायड रहा उनकी मौत नहीं हुई जबकि जिन चूहों को हम कीमोथेरेपी दे रहे थे उनकी मौत 20 से 25 दिनों में हो गई।

निम्बोलाइड्स से कोई साइडइफेक्ट नहीं

नीम के पत्ती और उनके फूलों में पाए जाने वाले निम्बोलाइड्स में किसी तरह का साइडइफेक्ट नहीं होता। आम तौर पर कई बीमारियों में नीम की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। इस रिचर्स में भी ऐसा ही देखने को मिला। जिन चूहों पर हम लोगों ने इसका इस्तेमाल किया उन्हें किसी तरह का साइडइफेक्ट नहीं हुआ। जबकि नॉर्मल चूहे जिन्हें कीमो थैरेपी दी जा रही थी उनके किडनी और दूसरे अंगों पर भी प्रभाव पड़ा।  

ट्रायल सफल होने पर बनेगी दवा

डॉ अजय ने बताया कि चूहों पर इसके सफल परीक्षण के बाद उनकी टीम ह्यूमन बॉडी पर इसका ट्रायल करेगी.इसके लिए उनकी टीम ने काम शुरू कर दिया है। हालांकि इसकी प्रकिया थोड़ी मुश्किल है लेकिन यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इसके सफल ट्रायल के बाद नीम की पत्तियों और फूलों से बीएचयू कैंसर की सबसे सस्ती दवा तैयार करेगा।

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