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Varanasi Surgical Oncology News: वाराणसी में अब पित्त की थैली में कैंसर की समय से हो सकेगी पहचान, हुआ शोध

Updated May 06, 2022 | 17:50 IST

Varanasi Surgical Oncology News: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पित्त की थैली का इलाज करने वाले रोगियों के लिए अच्छी खबर है। अब पित्त की थैली में कैंसर की समय से पहचान हो सकेगी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
बीएचयू अस्पताल में ओटी पैकेज सिस्टम जल्द लागू होगा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • पित्त की थैली में कैंसर की समय से हो सकेगी पहचान
  • सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग में मरीजों पर अध्ययन
  • जीन के आधार पर मिलेगी जानकारी

Varanasi Surgical Oncology News: वाराणसी में पित्त की थैली में कैंसर यानी गाल ब्लैडर के कैंसर की अब समय से पहचान हो सकेगी। मरीजों की जांच कराकर जरूरत के हिसाब से बेहतर इलाज भी कराया जा सकेगा। आईएमएस बीएचयू के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग में वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. मनोज पांडेय, प्रो. वीके शुक्ला के निर्देशन में इस पर अध्ययन हुआ है। जिसका प्रकाशन होने के बाद अब आगे की कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रो. मनोज पांडेय का कहना है कि 2017 से चल रहे अध्ययन में 300 मरीजों को शामिल किया गया था। इसमें सभी प्रकार के कैंसर के मरीज थे। अभी गाल ब्लैडर पर दो प्रयास चल रहे हैं। 

पहला यह कि पित्त की थैली को पहचाना जा सके, इसकी कोशिश की जा रही है। उसको सामान्य गाल ब्लैडर या इससे जुड़ी अन्य बीमारी से अलग कर सकेंगे। मॉलीक्यूलर बायोलॉजी रिपोर्ट्स में यह रिपोर्ट पिछले महीने प्रकाशित हो चुकी है। बताया जा रहा है कि 946 जीन ऐसे पाए गए हैं, जो सामान्य गाल ब्लैडर और इसके कैंसर में अलग-अलग हैं। बायॉइंफार्मेटिक से पता चला कि 20 जीन बिल्कुल अलग हैं। 

मरीज को ठीक करने के तरीके की होगी जानकारी

प्रो. मनोज पांडेय ने बताया कि केवल बीस जीन के इस्तेमाल से दोनों तरह की बीमारी के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी कि मरीज को गाल ब्लैडर का कैंसर है या नहीं। साथ ही यह भी पता लग पाएगा कि 20 जीन काम के हैं या नहीं। अध्ययन में शोध छात्र रूही दीक्षित और मोनिका राजपूत भी हैं। दूसरा प्रयास चल रहा है कि पित्त की थैली के जेनेटिक्स एनलिसिस से जान सकें कि किस मरीज को ठीक किया जा सकता है और कैसे।

बीएचयू अस्पताल और ट्रामा सेंटर में ओटी पैकेज सिस्टम जल्द होगा लागू

वहीं, बीएचयू अस्पताल और ट्रामा सेंटर में आने वाले दिनों में ऑपरेशन कराने वाले मरीज अब परेशान नहीं होंगे। आईएमएस बीएचयू ने अब दोनों जगहों पर ओटी पैकेज सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि विभिन्न रोगों के इलाज के लिए पैकेज सिस्टम की खुली निविदा की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कई बीमारियों और ऑपरेशन प्रक्रिया का मूल्य तय हो जाएगा। इसके भुगतान के बाद मरीज को किसी भी तरह की जांच, दवा या प्रत्यारोपण चिकित्सालय के द्वारा ही उपलब्ध कराई जाएगी। 
 

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