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ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की दो और अर्जी, वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई टली

Updated May 18, 2022 | 14:34 IST

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की दो अर्जियों पर वाराणसी की कोर्ट सुनवाई करने वाला है। लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई टल गई है।

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ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की दो अर्जियों पर सुनवाई
मुख्य बातें
  • शिवलिंग के हिफाजत के आदेश, सुप्रीम कोर्ट
  • नमाजियों को नमाज करने ने ना रोका जाए- सुप्रीम कोर्ट
  • कोर्ट ऑफ कमिश्नर को रिपोर्ट पेश करने के लिए मिला दो दिन का समय

वाराणसी में वकीलों की हड़ताल की वजह से ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई टल गई। कोर्ट जल्द ही सुनवाई की नई तारीख का एलान करेगी।दरअसल, बुधवार को नए सर्वेक्षण के लिए एक दीवार गिराने और मलबे को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होनी थी।सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी कोर्ट दोनों ने मंगलवार को इस मामले में अहम फैसले लिए थे।सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रंगार गौरी परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आपको बता दें कि इस जगह पर कथित रूप से एक 'शिवलिंग' पाया गया था।

वकीलों की हड़ताल से सुनवाई टली
इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह मस्जिद में नमाज अदा करने के मुसलमानों के अधिकार को प्रभावित किए बिना किया जाना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी अदालत के एक आदेश पर रोक लगा दी जिसमें कोर्ट ने क्षेत्र को सील करने और लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे।वाराणसी की कोर्ट ने विवादित परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण करने वाली टीम को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को अपने कर्तव्यों के प्रति गैर-जिम्मेदार व्यवहार के चलते हटा दिया। अजय मिश्रा पर मीडिया में जानकारी लीक करने और सर्वेक्षण के दौरान अपना एक निजी कैमरामैन तैनात करने का आरोप है।

क्या है मामला
तालाब से मलबा हटाने की मांग
नंदी के सामने दीवार गिराने का मामला

उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट रोक लगा देगी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय ज्ञानवापी मामले पर अगली सुनवाई के दौरान निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाएगा और ‘‘पूर्ण न्याय’’ करेगा। ओवैसी ने कहा कि जब वाराणसी की अदालत ने नमाजियों की संख्या 20 तक सीमित करने और ‘‘शिवलिंग पाए जाने’’ के स्थान की सुरक्षा का आदेश दिया, तो उनकी राय में उस समय ‘‘गंभीर प्रक्रियात्मक अन्याय हुआ।’’उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने नमाजियों को ज्ञानवापी मस्जिद में जाकर इबादत करने की इजाजत दी है। इससे पहले निचली अदालत के आदेश ने इसे 20 लोगों तक सीमित कर दिया था। इसलिए हमें उम्मीद है कि सुनवाई की अगली तारीख पर उच्चतम न्यायालय पूर्ण न्याय करेगा।’’

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग मिलने की बात कही गई है। साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां नमाज अदा करने और धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति दे दी।

बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप
छत्तीसगढ़ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि पीवी नरसिम्हा राव सरकार द्वारा विधेयक (पूजा के स्थान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991) लाए जाने के बाद पूरा हंगामा हुआ।2001 से पहले ज्ञानवापी में भगवान शिव की पूजा की जाती थी लेकिन उस बिल की वजह से नमाज होने लगी। अग्रवाल ने कहा कि आज भी 'नंदी महाराज' मस्जिद के सामने विराजमान हैं।

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