- जिलों से निर्यात को बढ़ावा देना सरकार का उद्देश्य
- पांच साल में यूपी से निर्यात 86 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 1 लाख 56 हजार करोड़ रुपए हुआ है
- सरकार इस आंकड़े को तीन लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचना चाह रही
Varanasi Potential Hub: उत्तर प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियां अब निर्यात बढ़ाने पर जोर दे रही है। इनका उद्देश्य सभी जिलों से निर्यात बढ़ाना है। हर क्षेत्र में औद्योगिक विकास समान रूप से हो पर इस बीच निर्यात की अधिक संभावनाओं वाले सूबे के छह जिलों को पोटेंशियल हब के रूप में विकसित किया जाना है। इन जिलों को केंद्र सरकार ने अपनी योजना में शामिल कर लिया है।
केंद्र द्वारा शामिल किए गए जिलों में वाराणसी, मुरादाबाद, आगरा, कानपुर, भदोही और गौतमबुद्धनगर हैं। यहां व्यापार अवसंरचना को मजबूत कर इन जिलों के छोटे-छोटे कस्बों से भी निर्यात को बढ़ाने का प्रयास किया जाना है।
कोरोना संक्रमण काल में भी बढ़ता रहा निर्यात का आंकड़ा
दरअसल, सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद 2017 से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की प्रदेश में मजबूती को देखकर इसे प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास शुरू किए। निर्यात समग्रता से बढ़ाने के लिए पहली बार 2018 में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) जैसी योजना की शुरुआत की। इसका परिणाम यह हुआ कि, दो से ढाई साल तक कोरोना संक्रमण का काफी असर होने के बाद भी निर्यात का आंकड़ा बढ़ता ही गया।
केंद्र ने 50 जिलों को पोटेंशियल हब के लिए चुना
योगी सरकार के पांच साल में सूबे से निर्यात 86 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर एक लाख 56 हजार करोड़ रुपए पहुंचा है। अब राज्य सरकार इसे तीन लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाना चाह रही है। केंद्र सरकार ने देश के 50 जिलों को निर्यात के लिए पोटेंशियल हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई तो उसमें भी उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता दी। अब इन छह जिलों में उन छोटे-छोटे कस्बों को चिह्नित किया जाएगा, जहां से निर्यात को बढ़ाया जा सके। फिलहाल इसके लिए सर्वे का काम शुरू नहीं करवाया गया है। बहुत जल्द राज्य सरकार के स्तर पर इसका सर्वे शुरू कराया जाना है।