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Varanasi: पैसों के लालच ने इंसान से बनाया हैवान, 6 लोगों की गिरफ्तारी के बाद ट्रिपल मर्डर से उठा पर्दा 

Updated Jul 31, 2020 | 16:31 IST

Varanasi News: वाराणसी पुलिस ने गुरुवार को 6 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसके बाद पिछले साल से लेकर अब तक तीन मर्डर के मामले से पर्दा उठ गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
वाराणसी ट्रिपल मर्डर केस से उठा पर्दा
मुख्य बातें
  • छह लोगों की गिरफ्तार से वाराणसी में ट्रिपल मर्डर मामले से उठा पर्दा
  • पिछले साल अक्टूबर से लेकर अब तक हुए तीन लोगों के मर्डर का खुला राज
  • पैसों के लालच में आकर आरोपी इंसान से बन गए थे हैवान

वाराणसी : वाराणसी पुलिस ने गुरुवार को 6 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसके बाद पुलिस ने दावा किया है कि इनकी गिरफ्तारी से 1 साल पहले के ट्रिपल मर्डर मामले से पर्दा उठ गया है। कुछ लोगों के ग्रुप ने सुमित श्रीवास्तव नाम के एक बीमा एजेंट के बैंक अकाउंट से 4.73 लाख रुपए लूटने के लिए पिछले साल अक्टूबर में मड़ुआडीह में उसकी हत्या कर दी थी।

इसी मामले में जांच करते हुए पुलिस ने गुरुवार को 5 लोगों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही पुलिस ने इनके दो साथियों राजू और बृजेश विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार किया। इस ट्रिपल मर्डर के मास्टरमाइंड अभिषेक जायसवाल पुलिस की आंखों में धूल झोंककर भाग गया। एसएसपी अमित पाठक ने रिपोर्टर्स को बताया कि छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि दो अन्य को पकड़ा जाना बाकी है।

2.48 लाख कैश, सुमित और बृजेश के मोबाइल फोन, दो मोटरसाइकिल उनके पास से बरामद किया गया है। एसएसपी के मुताबिक एक साल पहले सुमित ने एक बैंक से लोन लिया था जिसके बाद 4.73 लाख रुपए उसके अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे। सुमित ने ये सूचना अपने कलीग नीलकंठ को दी जिसने अभिषेक को ये जानकारी दे दी।

नीलकंठ और अभिषेक ने मिलकर सुमिक के अकाउंट से पैसे लूटने का प्लान बनाया जिसमें उसके साथ धीरे-धीरे सौरभ, विकास, पंकज, शशिकांत और रामविलास भी शामिल हो गए। इसके बाद सुमित को 23 अक्टूबर को किसी बहाने से ये लोग एक सुनसान जगह पर ले गए जहां पर गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी गई। इन्होंने सुमित के पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और आधार कार्ड भी ले लिया और उसकी बॉडी को मिर्जापुर जिले में राजगढ़ के जंगलों में फेंक दिया।

एसएसपी ने बताया कि हालांकि वे सुमित के अकाउंट से पैसे निकालने में नाकामयाब रहे। इसके बाद अभिषेक ने राजू और बृजेश को भी अपने प्लान में शामिल किया जिसके बाद उनकी मदद से सुमित के पैसे राजू और बृजेश के अकाउंट में ट्रांसफर कराए गए। इसी ऑनलाइन ट्रांसफर के सुराग से पुलिस इन लोगों तक पहुंची।

अभिषेक को लगा कि अरेस्ट होने पर बृजेश उनका नाम बता देगा इसलिए उसने बृजेश की गला दबाकर हत्या कर दी और 7 नवंबर को उसका शव गंगा नदी में फेंक दिया। दो दिन बाद उसका शव मिलने के बाद उसके परिजनों ने 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। इसके बाद अभिषेक ने राजू को बुलाकर पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा।

जब राजू ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि वह पुलिस को सारी बातें बता देगा तो अभिषेक ने उसकी भी हत्या कर उसका शव भी गंगा नदी में फेंक दिया। पुलिस के मुताबिक बुधवार को अभिषेक अपने गैंग के साथ मिलकर पैसे का बंटवारा करने में लगे थे उसी समय पुलिस ने उन पर धावा बोल दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 

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