- थाने के ड्राइवर की आत्महत्या की कोशिश मामले में SHO पर गाज
- कांस्टेबल ने गोली मारने से पहले लिखा था सुसाइड नोट
- सुसाइड नोट पर एसएचओ पर लगाया था प्रताड़ना का आरोप
Varanasi SHO Line Hazir: वाराणसी के लालपुर पांडेयपुर थाने के ड्राइवर यशवंत सिंह ने जीप में खुद को गोली मारकर आत्महत्या का प्रयास किया था। घायल की हालत गंभीर बनी हुई है। इस मामले में अब जिले के लालपुर प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है। उनकी जगह कैंट थाने पर तैनात क्राइम इंस्पेक्टर सतीश यादव को लालपुर प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किया गया है। बता दें कि शनिवार सुबह यशवंत सिंह ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। इससे पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह नोट वाराणसी पुलिस कमिश्नर के नाम था जिसमें यशवंत सिंह ने अपनी मौत का जिम्मदार प्रभारी निरीक्षक लालपुर सुधीर सिंह को बताया था।
ये लिखा नोट में
वाराणसी पुलिस कमिश्नर के नाम से पत्र में लिखा था, मैं आरक्षी चालक यशवंत सिंह, मुझको SHO लालपुर पांडेयपुर सुधीर कुमार सिंह द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। मेरे लड़के की तबीयत खराब थी। मैं SHO महोदय के आवास पर छुट्टी फॉरवर्ड करने गया तो मुझे भगा दिया गया। उसी समय से डिप्रेशन में रहता था। मकान बनवा रहा था तो उसमें भी परेशान किया जाता रहा। रात में ड्यूटी कर के दिन में मकान बनवाना चाह रहा था तो भी बीच -बीच में परेशान किया जा रहा था। महोदय मेरी मृत्यु का कारण सिर्फ SHO लालपुर सुधीर कुमार सिंह हैं और कोई नहीं है।
चाय पीने से कर दिया मना
बता दें कि आजमगढ़ के मेहनगर थाना क्षेत्र के रहने वाले यशवंत सिंह बीते 15 अप्रैल को छुट्टी ले कर अपने घर आजमगढ़ गए थे। 22 तारीख को छुट्टी से वापस आए थे। वाराणसी के पुलिस लाइन में रहते थे। नाइट शिफ्ट में ड्यूटी के बाद वह सुबह पहड़िया मंडी में स्थित धर्मकांटा के पास पहुंचे। साथ में नाइट अफसर सूर्यवंश यादव द्वारा यशवंत सिंह को चाय पीने को कहने पर उन्होंने मना कर दिया और सरकारी जीप में बैठने चले गए। जीप में ही उन्होंने अपने सरकारी रिवॉल्वर से सिर में गोली मार ली। घायल यशवंत सिंह को साथियों ने इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर ले गए। आईसीयू में भर्ती यशवंत की हालत गंभीर बनी हुई है। ड्राइवर के खुद को गोली मार लेने की सूचना पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के आला अधिकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और निर्देश दिए कि इलाज में किसी प्रकार की कमी न रहे।