- निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया, 29 जून तक आवेदन करने का मौका
- 30 जून को टेंडर होगा फाइनल, विकास प्राधिकरण में कंपनियां कर रहीं आवेदन
- चयनित कंपनी आय के स्त्रोत तय करेगी और कंपनी स्टेशन का नाम निर्धारित करने के लिए निकाल सकेगी टेंडर
Development Work: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के पास आते ही पेंडिंग विकास कार्यों को पूरा करने की कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना रोप-वे निर्माण की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। इसका निर्माण शुरू कराने के लिए कंपनी का चयन किया जा रहा है। इसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने टेंडर निकाला है। टेंडर लेने के लिए कंपनियां 29 जून तक आवेदन कर सकती हैं। 30 जून को कार्यकारी कंपनी के नाम पर मुहर लग जाएगी।
चयनित कंपनी वर्क ऑर्डर मिलने के बाद रोप-वे से आय के स्त्रोत का रास्ता निकालेगी। कंपनी स्टेशन का नाम तय करने के लिए वह टेंडर निकालेगी। इस बारे में आयुक्त दीपक अग्रवाल का कहना है कि कोई भी कंपनी, बैंक या इंसान अपने नाम पर स्टेशन का नाम रखवाने के लिए आगे आ सकता है।
रथ यात्रा के आगे जुड़ेगा प्रस्ताव देने वाले का नाम
आयुक्त दीपक अग्रवाल के मुताबिक कंपनी स्टेशन के नाम के आगे बैंक, खास व्यक्ति या कंपनी का नाम जुड़ सकता है। बता दें कैंट स्टेशन से गिरजाघाट से गोदौलिया तक पांच स्टेशन बनने हैं। इस बीच की दूरी 4.5 किलोमीटर है। इन पांच स्टेशनों में प्रमुख रूप से कैंट रेलवे स्टेशन, सिगरा, रथयात्रा, लक्सा, गोदौलिया स्टेशन होगा। अंतिम स्टेशन गोदौलिया चौराहे पर चार निकास द्वार रहेंगे।
परियोजना से जुड़ी अहम जानकारी
इस परियोजना पर 461.19 करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्टेशनों की संख्या पांच रहेगी। टर्मिनल दो बनाए जाएंगे। मंडोला की क्षमता 10 रहेगी। रफ्तार 20 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। रोप-वे का संचालन 16 घंटे किया जाएगा। टावर की संख्या 30 रहेगी। मंडोला की संख्या 228 रहेगी। मंडोला 55 मीटर की ऊंचाई पर दौड़ेगा। 90 से 120 सेकंड के अंतराल पर ट्रॉल कार मिलेगी। एक तरफ से एक समय में 4500 यात्री आ सकेंगे। जमीन से 11 मीटर की ऊंचाई पर स्टेशन रहेगा।