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Taliban attack over music: निकाह में संगीत की ऐसी सजा! तालिबान ने मेहमानों को उतारा मौत के घाट

Updated Oct 31, 2021 | 00:22 IST

Taliban shooting civilians: अफगानिस्‍तान के नांगरहर प्रांत में खुद को तालिबान बताते हुए तीन बंदूकधारियों ने सिर्फ इसलिए शादी समारोह में ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, क्‍योंकि वहां संगीत चल रहा था। इसमें कई लोगों की जान गई है, जबकि कई अन्‍य घायल हुए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
Taliban attack over music: निकाह में संगीत की ऐसी सजा! तालिबान ने मेहमानों को उतारा मौत के घाट

काबुल : अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में 15 अगस्‍त, 2021 को तालिबान के काबिज होने के बाद से ही दुनियाभर में कई तरह की सुरक्षा चिंताओं ने जन्‍म लिया है। इन सबके बीच अफगानिस्‍तान से अब एक हैरान कर देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक निकाह समारोह में संगीत चलाने को लेकर तालिबान ऐसा बिफरा कि उसने मेहमानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें कई लोगों के मारे जाने और कई अन्‍य के घायल होने की सूचना है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

समाचार एजेंसी AFP की रिपोर्ट के अनुसार, नांगरहर प्रांत के शम्‍सपुर मार गुंडी गांव में निकाह कार्यक्रम हो रहा था, जिसमें संगीत बजाया जा रहा था। ऐसे समारोहों में उत्‍साह के माहौल के बीच संगीत बजाना एक सामान्‍य सी बात है, लेकिन तालिबान को यह नागवार गुजरा। खुद को तालिबान बताते हुए तीन बंदूकधारी यहां पहुंचे और उन्‍होंने मेहमानों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। हालांकि अफगानिस्‍तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने मृतकों की संख्‍या 13 बताई है।

सालेह ने किया ट्वीट

सालेह ने ट्वीट कर इस घटना को लेकर रोष व्‍यक्‍त किया और पाकिस्‍तान को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई। सालेह ने अपने ट्वीट में कहा, 'तालिबान लड़ाकों ने नांगरहर प्रांत में निकाह के एक कार्यक्रम के दौरान चल रहे संगीत को बंद करने के लिए 13 लोगों की हत्या कर दी। हम सिर्फ इस घटना निंदा करके अपना क्रोध नहीं जा सकते।' पाकिस्‍तान को आड़े हाथों लेते हुए उन्‍होंने कहा, '25 साल तक पाकिस्तान ने उन्हें अफगान संस्कृति को खत्म करने और हमारी धरती पर कब्जा करके ISI (पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी) के कट्टर शासन की स्थापना के लिए ट्रेनिंग दी। अब यह अपना काम कर रहा है।' सालेह ने एक अन्‍य ट्वीट में लिखा, 'यह शासन लंबे समय तक नहीं चलेगा। लेकिन दुर्भाग्य से इसके अंत तक अफगानों को लगातार इसकी कीमत चुकानी होगी।'

वहीं, निकाह समारोह में गोलीबारी की पुष्टि तालिबान ने भी की है। हालांकि उसने मृतकों की संख्‍या महज तीन बताई। अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में काबिज तालिबान के प्रवक्‍ता जबीउल्‍ला मुजाहिद के मुताबिक, इस मामले में तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया गया है। उन्‍होंने इस बात से भी इनकार किया कि इन्‍होंने तालिबान के इशारे पर ऐसा किया, बल्कि मजाहिद ने इसके लिए निजी शत्रुता को जिम्‍मेदार ठहराया और कहा कि उन्‍होंने इस्लामिक अमीरात के नाम पर अपने आपस के झगड़े में फायरिंग की। उन्‍हें शरिया कानून के मुताबिक सजा दी जाएगी।

क्‍या हैं हालात?

यहां उल्‍लेखनीय है कि अफगानिस्‍तान में अपने मौजूदा शासन के दौर में तालिबान ने जहां संगीत पर पाबंदी को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, वहीं 1996-2001 के तालिबान के पहले के शासनकाल में यहां संगीत को गैर-इस्‍लामिक घोषित करते हुए इस पर पाबंदी लगा दी गई थी। तालिबान से जुड़े बहुत से लोग हैं, जो आज भी संगीत को पसंद नहीं करते हैं और इसे इस्‍लाम के खिलाफ मानते हैं। वहीं, इस बारे में तालिबान के प्रवक्‍ता ने कहा कि संगीत या ऐसी किसी भी अन्‍य चीज के लिए लोगों को स‍िर्फ मनाने और समझाने-बुझाने की कोशिशें ही की जा सकती हैं, इसके लिए किसी की जान नहीं ली जा सकती। मुजाहिद ने कहा कि ऐसे अपराधों के लिए अगर तालिबान से जुड़े लोग भी जिम्‍मेदार होंगे तो उनपर भी एक्‍शन होगा।