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Afghanistan में गीत- संगीत पर लगी पाबंदी, Taliban ने हारमोनियम, तबला सहित वाद्य यंत्रों को किया नष्ट

Updated Sep 09, 2021 | 08:16 IST

Taliban Destroy Musical Instruments: अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो चुके तालिबान ने यहां शरिया कानून लागू किया हुआ है। इसके तहत गीत-संगीत और महिलाओं की आजादी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।

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Taliban ने संगीत पर लगाई पाबंदी, वाद्य यंत्रों को किया नष्ट
मुख्य बातें
  • सत्ता पर काबिज होते ही अपने असली रंग में आया तालिबान
  • शरिया कानून को लागू करते हुए अफगानिस्तान गीत- संगीत पर लगाया प्रतिबंध
  • अफगानिस्तान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजिक में नष्ट किए संगीत वाद्य यंत्र

काबुल:  अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर काबिज हो चुके तालिबान (Taliban) की बर्बरता के मामले हर रोज दुनिया के सामने आ रहे हैं। कभी पत्रकारों की पिटाई तो आम नागरिकों पर गोलियां चलाने के वीडियो सामने आ चुके हैं। तालिबान राज में अफगानिस्तान में गीत- संगीत पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। राजधानी काबुल से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो हैरान करने वाली है। तालिबान ने यहां स्थित नेशनल म्यूजिक इंस्टीट्यूट से पियानो और ड्रम सेट सहित वाद्य यंत्रों को नष्ट कर दिया है।

सामने आया तालिबान का असली चेहरा

तालिबान की यह हरकत ऐसे समय में सामने आई है जब उसने सभी अफगानों के लिए "समावेशी प्रशासन" बनाने का वादा किया है। नई सरकार में सभी प्रमुख पदों पर कट्टरपंथियों की नियुक्ति और सरकार में एक भी महिला को जगह न देना यह साफ दर्शाता है कि तालिबान वहीं 90 के दशक वाला तालिबान है जो दिखावे के लिए बदलाव की बात करता है। इस्लामी विद्रोहियों ने संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया है और महिलाओं को काम करने की अनुमति नहीं है। 

कई गायकों ने छोड़ा देश
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से तालिबान संगीतकारों और कलाकारों को इस्लामिक शासन के उनके दृष्टिकोण के साथ विश्वासघात करने के लिए लगातार निशाना बना रहा है। कई गायक, संगीतकार तो पहले ही देश छोड़ चुके हैं। संगीत वाद्ययंत्रों को नष्ट करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पोलैंड में अफगानिस्तान के राजदूत ताहिर कादिरी ने कहा, 'सितंबर अफगान कैलेंडर में एक काला महीना है; अफगान नेशनल हीरो की शहादत से लेकर तख्तापलट करने तक, शोक करने के लिए बहुत कुछ है...'

आपको बता दें कि तालिबान ने कहा कि अगर महिलाएं तीन दिनों से ज्यादा के लिए घर से बाहर निकलती हैं, तो उनके साथ कोई ना कोई परिवार का पुरूष सदस्य होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं तालिबान ने महिलाओं को लेकर और भी कई प्रतिबंध लगा दिए हैं।