लाइव टीवी

Azadi March: इमरान खान के खिलाफ 'आजादी मार्च' जारी, मौलाना बोले- हम रोज रात को यहां मुजरा नहीं करते

Updated Nov 07, 2019 | 08:25 IST | भाषा

Azadi March in Pakistan: पाकिस्‍तान में 2018 में हुए आम चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया है, जिसकी अगुवाई मौलाना फजल-उर-रहमान कर रहे हैं।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspAP
मौलाना रहमान पाकिस्‍तान में इमरान सरकार के खिलाफ व्‍यापक प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग करने वाले 'आजादी मार्च' का नेतृत्व कर रहे नेता एवं मौलाना फजल-उर-रहमान ने कहा कि यह विशाल धरना राष्ट्रीय जिम्मेदारी पूरी करने के लिए हो रहा है न कि 'मुजरा' करने के लिए। उन्‍होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो निश्चित रूप से अराजकता फैलेगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बीच का रास्ता ढूंढना और गतिरोध तोड़ना चाहती है तो उसे विपक्षी दलों को अपने सुझाव देने चाहिए।

दक्षिणपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के नेता एक बड़े प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं, जो बुधवार को छठे दिन भी जारी रहा।
'आजादी मार्च' कहे जा रहे इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने खान पर 2018 के आम चुनावों में 'धांधली' करने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है। रहमान ने कहा कि छह दिन से चल रहा सरकार विरोधी धरना राष्ट्रीय जिम्मेदारी पूरी करने के लिए हो रहा है और इसके लिए बहुत प्रयास किए गए हैं।

उन्‍होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि हम यहां रोज रात को मुजरा करते हैं। यहां सम्मानजक लोग बैठे हैं। वे अय्याशी करने के लिए यहां नहीं आए हैं। मेरी शालीनता मुझे उन दृश्यों को दोहराने की अनुमति नहीं देती है, जो हम सभी इस्लामाबाद में देख चुके हैं।' रहमान ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो निश्चित रूप से अराजकता होगी।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों ने भी सरकार विरोधी प्रदर्शन को समर्थन दिया है। पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही और पीएमएल-क्यू अध्यक्ष चौधरी शुजात हुसैन के साथ मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए रहमान ने कहा, 'सकारात्मक जवाब की स्थिति अभी नहीं बनी है। यह हर किसी का देश है, जब जहाज डूबता है तो हम सभी डूबते हैं। देश में अशांति है और यह हर किसी की जिम्मेदारी है कि इस अशांति को खत्म किया जाए।'

रहमान ने कहा कि अगर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार बीच का रास्ता ढूंढना चाहती है तो उसे सुझाव रखने चाहिए, फिर विपक्ष देखेगा। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने खुद स्वीकार किया है 95 फीसदी फॉर्म में हस्ताक्षर नहीं थे और पूछा कि क्यों संसदीय आयोग एक साल से सक्रिय नहीं था। जेयूआई-एफ नेता ने कहा, 'इमरान खान, जुल्फिकार अली भुट्टो से बड़ी शख्सियत नहीं हैं। अगर वह दोबारा चुनाव करा सकते थे तो इमरान क्यों नहीं?'

राजधानी में हो रहा यह प्रदर्शन पिछले साल आम चुनाव जीतने के बाद से खान के सामने विपक्ष की पहली संयुक्त चुनौती है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों की खैरियत को लेकर चिंताएं जताई और अधिकारियों से प्रदर्शन स्थल का दौरा करने को कहा। खान ने एक ट्वीट में कहा, 'मैंने सीडीए अध्यक्ष को फौरन धरना स्थल पर जाकर मदद करने और यह देखने के निर्देश दिए हैं कि धरने में शामिल होने वाले लोगों को बारिश और बदलते मौसम के कारण क्‍या किसी सहायता की आवश्यकता है।'

उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार और विपक्षी नेताओं के बीच दूसरे दौर की वार्ता गतिरोध को तोड़ने में नाकाम रही। हालांकि खान ने कहा कि वह 'आजादी मार्च' के प्रदर्शनकारियों की सभी 'जायज' मांगें मानने के लिए तैयार हैं। वहीं, रहमान का कहना है कि जब तक खान इस्तीफा नहीं दे देते तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।