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भारत-चीन तनाव के बीच क्वॉड पर व्लादिमीर पुतिन की बड़ी बात, दोनों देशों के नेता जिम्मेदार

Updated Jun 05, 2021 | 15:57 IST

रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि भारत और चीन का शीर्ष नेतृत्व जिम्मेदार है और वो आपसी विवाद को जिम्मेदारी के साथ सुलझा सकते हैं।

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व्लादिमीर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति
मुख्य बातें
  • क्वॉड पर पुतिन की सधी टिप्पणी, गठबंधन के खिलाफ नहीं लेकिन कोई दूसरा देश टारगेट ना हो
  • भारत- चीन का शीर्ष नेतृत्व जिम्मेदार, तनाव को दूर करने में सक्षम
  • भारत और रूस के बीच रिश्ते पारंपरिक रहेंगे बरकरार

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में दोस्ती या दुश्मनी का स्थाई भाव नहीं रहता है। जरूरतों के हिसाब से रिश्तों की परिभाषा गढ़ने के साथ तय की जाती है। अगर ऐसा ना होता को भारत का पारंपरित दोस्त रूस, पाकिस्तान को लेकर कभी कड़ा तो कड़ा रुख अपना लेता है। लेकिन जब दो ताकतवर मुल्क एक दूसरे के आमने सामने हों तो तीसरे ताकतवर मुल्क को सोच समझ कर बयान देना पड़ता है। ताजा मामला रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का है जब उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों जिम्मेदार शख्स हैं और वो विवादित मुद्दों को सुलझा सकते हैं।

देश आपस में गठबंधन करें लेकिन दूसरे को निशाना ना बनाएं
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के चार देशों के समूह क्वाड की रुस सार्वजनिक रूप से आलोचना करता है। जब इस संबंध में पुतिन से सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था कि कोई भी देश किसी दूसरे देश के साथ किस तरह से गठबंधन करता है उसे मास्को नहीं तय कर सकता है लेकिन किसी भी राष्ट्र को किसी पहल में कैसे भाग लेना चाहिए और किस हद तक वे अन्य देशों के साथ अपने संबंध बनाने चाहिए लेकिन किसी के खिलाफ मित्र बनाने के उद्देश्य से कोई साझेदारी नहीं होनी चाहिए।

क्वाड पर मास्को के दृष्टिकोण के साथ-साथ समूह में भारत की भागीदारी के बारे में एक सवाल के जवाब में रूसी राष्ट्रपति की टिप्पणी, चीनी दावे का एक परोक्ष संदर्भ थी कि समूह रणनीतिक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बीजिंग के प्रभाव को नियंत्रित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ रूस की साझेदारी और मास्को और बीजिंग के बीच संबंधों में कोई विरोधाभास नहीं है। 

भारत चीन के बीच तनाव लेकिन दोनों देश जिम्मेदार
पुतिन ने कहा कि उन्हें पता है कि भारत-चीन संबंधों से जुड़े कुछ मुद्दे हैं लेकिन पड़ोसी देशों के बीच हमेशा बहुत सारे मुद्दे होते हैं लेकिन मैं भारत के प्रधान मंत्री और चीन के राष्ट्रपति दोनों के रवैये को जानता हूं। ये बहुत जिम्मेदार हैं लोग और वे ईमानदारी से एक दूसरे के साथ अत्यंत सम्मान के साथ पेश आते हैं और मुझे विश्वास है कि वे हमेशा किसी भी मुद्दे के समाधान पर पहुंचेंगे जिसका उन्हें सामना करना पड़ सकता है।लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि कोई अन्य अतिरिक्त-क्षेत्रीय शक्ति उसमें हस्तक्षेप नहीं कर रही हैं।

भारत- रूस के बीच रिश्तों पर नहीं पड़ेगा असर
5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच सैन्य गतिरोध को शुरू हुए एक साल से अधिक समय हो गया है, जिसके दौरान 45 वर्षों में पहली बार दोनों पक्षों के लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने पैंगोंग झील क्षेत्र में विघटन प्राप्त करने में सीमित प्रगति की है, जबकि अन्य घर्षण बिंदुओं पर इसी तरह के कदमों के लिए बातचीत गतिरोध बनी हुई है।

रूस और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों के बारे में पूछे जाने पर और क्या इससे भारत-रूस सुरक्षा और रक्षा सहयोग प्रभावित होगा, पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध काफी तेजी से विकसित हो रहे हैं, काफी सफलतापूर्वक विश्वास पर आधारित है।हम अपने भारतीय दोस्तों के साथ इस तरह के उच्च स्तर के सहयोग की बहुत सराहना करते हैं। ये संबंध एक रणनीतिक प्रकृति के हैं। वे अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और हाई-टेक में हमारे सहयोग के सभी अवसरों को कवर करते हैं।