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तेजस के सामने कोई नहीं...अब अर्जेंटिना को भी चाहिए भारत का ये खास लड़ाकू विमान, चीनी फाइटर भी है इसके सामने फेल

Updated Aug 27, 2022 | 17:23 IST

तेजस को उड़ान भरने के लिए बहुत ही छोटा रनवे चाहिए। इस विमान के हल्का और छोटा होने की वजह से संचालन करना आसान है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
तेजस में अब अर्जेंटिना ने दिखाई दिलचस्पी
मुख्य बातें
  • मलेशिया पहले ही तेजस को खरीदने की जता चुका है इच्छा
  • अमेरिका समेत कई देश दिखा चुके हैं तेजस में दिलचस्पी
  • तेजस की खूबियों के सामने फेल है चीनी विमान

भारत का तेजस लड़ाकू विमान अपनी खूबियों की वजह से दुनिया भर के देशों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मलेशिया के बाद अब अर्जेंटिना भी इस विमान को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार तेजस को लेकर बातचीत विदेश मंत्री एस जयशंकर की अर्जेंटीना की दो दिवसीय यात्रा के दौरान हुई। अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो के साथ अपनी बैठक के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के रणनीतिक क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की। 

ये देश दिखा चुके हैं रुचि

तेजस को लेकर पहले ही मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस रुचि दिखा चुके हैं। तेजस ने अपनी बेहतर उड़ान क्षमता, गतिशीलता और संचालन में आसानी के कारण कई देशों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। कहा ये भी जा रहा है अमेरिका भी इस विमान में दिलचस्पी दिखा चुका है।

भारत सरकार कर चुकी है करार

दरअसल तेजस अपने समकक्ष के सभी विमानों से बेहतर है। इसके समकक्ष रक्षा बाजार में उपलब्ध चीनी और कोरियाई विमानों की कीमत ज्यादा और खूबियां कम हैं। पिछले साल, भारत सरकार ने 83 तेजस जेट के निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया है। 

तेजस की खूबियां

तेजस सिंगल इंजन वाला मल्टीरोल लड़ाकू विमान है। जो हर मौसम में उड़ान भरने के लिए सक्षम है। इस हल्के लड़ाकू विमान ने जनवरी 2001 में अपनी पहली उड़ान भरी और 2016 में भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन में शामिल किया गया। 

तेजस रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आ सकता है। इसे उड़ान भरने के लिए सिर्फ 460 मीटर का रनवे चाहिए। यह किसी भी युद्धपोत से उड़ान भर सकता है। इसमें हवा में ही फ्यूल भरा जा सकता है। इसमें एंटी शिप मिसाइल लगाई जा सकती है, ये हवा से हवा, हवा से जमीन और हवा से पानी में पार कर सकता है। यह सिखोई के बराबर हथियार लेकर उड़ान भर सकता है। यह दूर से दुश्मन के विमानों को निशाना बना सकता है।

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