- ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का नया प्रकार
- कोरोना वायरस के नए प्रकार के सामने आने पर देशों ने ब्रिटेन से संपर्क तोड़ना शुरू किया
- 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से भारत आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी को लेकर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां इसकी वैक्सीन आ जाने से राहत महसूस हुई है, वहीं अब ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) ने सबकी चिंता को बढ़ा दिया है। कई देशों ने इसके बाद ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया ने पुष्टि की है कि उसके यहां कोरोना वायरस के नए प्रकार के 2 मामले सामने आए हैं।
NSW हेल्थ ने पुष्टि की है, 'कोविड-19 का एक प्रकार जो पिछले म्यूटेशनों की तुलना में तेजी से ट्रांसफर होता है, ब्रिटेन के यात्रियों द्वारा ऑस्ट्रेलिया में आ गया है।'
भारत के नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप के उभार के मद्देनजर बुधवार से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से भारत आने जाने वाली उड़ानें स्थगित रहेंगी। मंत्रालय ने कहा है कि मंगलवार तक ब्रिटेन की उड़ानों से आने वाले यात्रियों के हवाई अड्डे पर पहुंचने के दौरान एहतियाती कदम के तौर पर कोविड-19 की जांच की जाएगी।
ब्रिटेन की सरकार ने चेताया है कि नए किस्म के कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल सकता है और रविवार से वहां पर नई पाबंदियां लगाई गई हैं। कनाडा, तुर्की, बेल्जियम, इटली और इजराइल समेत कुछ देशों ने ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है।
कोरोना के नए प्रकार के अधिक घातक होने के साक्ष्य नहीं
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि यह वायरस 70 प्रतिशत तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है। यानि कि इसमें सक्रमित करने की क्षमता ज्यादा है और यह तेजी से फैल सकता है। ब्रिटेन में कोरोना के नए वायरस के बारे में पता चलने के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने देश में नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर विवेक मूर्ति ने कहा है कि ऐसा कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है जिससे यह सिद्ध हो सके कि कोरोना वायरस का ब्रिटेन में पाया गया नया और अधिक संक्रामक रूप ज्यादा घातक है। मूर्ति ने कहा कि यह मानने का कोई कारण उपलब्ध नहीं है कि विकसित किए जा चुके कोरोना वायरस के टीके वायरस के नए प्रकार पर प्रभावी नहीं होंगे।