- गत शुक्रवार को बगराम सैन्य अड्डे को छोड़कर चली गई अमेरिकी सेना
- काबुल से एक घंटे की दूरी पर स्थित एयरबेस अमेरिकी सेना का रहा प्रमुख ठिकाना
- इस अहम एयरबेस को अफगान सुरक्षा बलों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है
नई दिल्ली : अमेरिकी फौज की अंतिम टुकड़ी गत शुक्रवार को अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस से कूच कर गई। इस सैन्य अड्डे पर अमेरिकी सेना 20 वर्षों तक रही और यहां से आंतकियों के खिलाफ उसने अपने कई अहम अभियान चलाए। इस सैन्य अड्डे को अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य शक्ति के एक प्रतीक के रूप में देखा जाता रहा है। इस बेस से अमेरिकी सेना अपने साथ संवेदनशील सैन्य उपकरणों एवं अन्य चीजों को अपने साथ ले गई। हालांकि, सैन्य ऑपरेशन एवं अपनी जरूरत में इस्तेमाल होने वाले वाहन, एंबुलेंस, कार एवं फ्रीज को उसने यहीं छोड़ दिया। हजारों अमेरिकी सैनिकों की चहलकदमी एवं विमानों की गड़गड़ाहट से आतंकवाद के खिलाफ संदेश देने वाला यह एयरबेस अब वीरान पड़ा है।
1950 के दशक में सोवियत रूस ने किया एयरबेस का निर्माण
बगराम एयरबेस का निर्माण सोवियत संघ रूस ने 1950 के दशक में किया। इस सैन्य अड्डे का इस्तेमाल दुनिया की दोनों बड़ी महाशक्तियों ने किया। अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद इस एयरबेस को अफगान सुरक्षा बलों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। आइए, यहां जानते हैं कि यह एयरबेस अमेरिकी सेना के लिए इतना अहम क्यों रहा-
- साल 1959 में इस एयरबेस का दौरा तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनऑवर ने किया।
- साल 1979 में अफगानिस्तान पर हमला करने के बाद यह रूस का अहम सैन्य अड्डा बन गया।
- अफगानिस्तान में लड़ाई लड़ने के बाद सोवियत सेना 1989 में यहां से वापस चली गई।
- अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान आने से पहले इस एयरबेस पर तालिबान और नॉर्दन अलायंस के बीच झड़प होती थी।
- तालिबान अफगानिस्तान के दक्षिणी इलाके और नार्दन अलायंस की देश के उत्तरी क्षेत्र में पकड़ मजबूत थी।
- अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमलों के बाद अफगानिस्तान रणक्षेत्र में बदल गया।
- अफगानिस्तान पहुंची अमेरिकी सेना ने बगराम एयरबेस को अपना मुख्य ठिकाना बनाया।
- इस एयरबेस पर अस्पताल, जेल और हजारों सैनिकों के रहने की व्यवस्था की गई। यहां संदिग्ध आतंकियों को कैद में भी रखा जाता था।
- अमेरिकी और नाटो सैनिकों की संख्या बढ़ने इस एयरबेस का विस्तार किया गया।
- एयरबेस पर सैनिकों के लिए स्थायी बैरक, जिम और पिज्जा हट का निर्माण हुआ।
- इस एयरबेस का दौरा अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों ने किया। ट्रंप भी यहां आकर सैनिकों से मिले थे।
- ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए अमेरिकी नौसेना के सील कमांडों का प्रशिक्षण भी यहीं हुआ था।