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Mango Diplomacy:पाकिस्तान की 'मैंगो डिप्लोमेसी', 32 देशों को भेजे बेहतरीन आम, चीन और अमेरिका ने लौटाया तोहफा

Updated Jun 13, 2021 | 19:16 IST

Pakistan Mango Diplomacy: पाकिस्तान कूटनीति के तहत दुनियाभर के देशों को तोहफे में आम की अलग-अलग किस्में भेज रहा है लेकिन उसकी ये कोशिश परवान नहीं चढ़ रही है क्योंकि कुछ देशों ने ये गिफ्ट लेने से इंकार कर दिया

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पाकिस्तान के भेजे आमों को लेने से चीन, अमेरिका का इंकार
मुख्य बातें
  • 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को तोहफे में आम की चुनिंदा और बेहतरीन किस्में भेजीं
  • उसके ही अजीज मित्र चीन ने उसके आम के गिफ्ट को लेने से इंकार कर दिया
  • चीन और अमेरिका ने क्वारंटाइन नियमों का हवाला देते हुए तोहफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है

नई दिल्ली: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन दिनों कोरोना महामारी के साथ ही खराब आर्थिक हालातों से भी जूझ रहा है, महंगाई वहां आसमान को छू रही है वहीं इस सबके बीच पाकिस्तान कूटनीति के तहत पाकिस्तान दुनियाभर के देशों को तोहफे में आम की अलग-अलग किस्में भेज रहा है बताया जा रहा है कि ऐसा करने के पीछे का मकसद ये है कि कैसे इन देशों के साथ संबधों को और बेहतर बनाया जाए।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और चीन समेत 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को तोहफे में आम की चुनिंदा और बेहतरीन किस्में भेजीं।

लेकिन पाकिस्तान को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उसके ही अजीज मित्र चीन ने उसके आम के गिफ्ट (Mango Gift) को लेने से इंकार कर दिया वहीं अमेरिका और कुछ अन्य देशों से भी पाकिस्तान को मैंगो गिफ्ट रिफ्यूजल का सामना करना पड़ा है।

आम ना लेने के पीछे की वजह जो सामने आ रही है वो ये है कि अमेरिका और चीन जैसे देशों ने अपने कोरोना वायरस क्वारंटाइन नियमों का हवाला देते हुए तोहफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

कनाडा, नेपाल, मिस्र और श्रीलंका ने भी पाकिस्तान की ओर से तोहफे में भेजे गए आमों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया इसके पीछे कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लागू क्वारंटाइन नियम का हवाला दिया गया है। 

गौर हो कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की ओर से 32 देशों के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों को चौसा आम भेजे गए थे आमों की पेटी को ईरान, खाड़ी देशों, तुर्की, अमेरिका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस भेजा गया था।