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दुनिया को झुठलाने पर आमादा चीन, कोरोना के फैलाव पर पेश की नई थ्योरी

Updated Jan 04, 2021 | 21:05 IST

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग का यह बयान ऐसे समय आया है जब इस तरह की रिपोर्टें हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैज्ञानिकों की एक टीम इस महीने चीन का दौरा करने वाली है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
दुनिया को झुठलाने पर आमादा चीन।

नई दिल्ली : कोराना वायरस किस देश से फैला इसके बारे में दुनिया में कोई दो मत नहीं है। डब्ल्यूएचओ से लेकर दुनिया के सभी विकसित देश यही मानते हैं कि चीन के वुहान शहर से इस महामारी के फैलने की शुरुआत हुई। वुहान से संक्रमण फैलने के वैज्ञानिक तथ्य और रिपोर्टें भी हैं लेकिन चीन इसे मानने के लिए तैयार नहीं है। वह नहीं मान रहा कि कोरोना वायरस उसके यहां से फैला। उसने एक बार फिर अपने यहां से कोविड-19 का संक्रमण फैलने से इंकार किया है। उसका दावा है कि विश्व के अलग-अलग हिस्सों से यह वायरस दुनिया में फैला। 

कोरोना वायरस की उत्पति एवं एवं उसके फैलाव के बारे में अब तक जो रिपोर्टें सामने आई हैं उनमें यही कहा गया है कि चीन के हुबोई प्रांत के वुहान शहर में सबसे पहले इस महामारी से लोग संक्रमित हुए।

वुहान के मीट मार्केट से महामारी के फैलने की आशंका
कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि वुहान शहर के मीट मार्केट जहां दुनिया भर से लाए गए दुर्लभ जीव-जंतुओं को बेचे जाने के लिए रखा जाता है, वहां से इस वायरस की शुरुआत हुई। क्योंकि जिन शुरुआती लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण मिले वे लोग कुछ दिनों पहले इस मीट मार्केट में गए थे।   

चीन ने हमेशा अपने यहां से वायरस फैलने से इंकार किया है
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस बात से इंकार किया है कि कोरोना वायरस का उत्पति उसकी एक जैविक प्रयोगशाला में हुई। चुनयिंग ने जोर देकर कहा कि यह वायरस दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से हुए संक्रमण के फैलाव से महामारी के रूप में उभरा होगा।

डब्ल्यूएचओ की टीम जाने वाली है चीन
चुनयिंग का यह बयान ऐसे समय आया है जब इस तरह की रिपोर्टें हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैज्ञानिकों की एक टीम इस महीने चीन का दौरा करने वाली है। यह टीम कोरोना वायरस की उत्पति की जांच करेगी। दिसंबर 2019 में वुहान शहर में इस महामारी से ग्रसित शुरुआती लोग मिले थे। हालांकि, चीन ने अभी इस टीम को अपने यहां दौरा करने की अनुमति नहीं दी है। 

डब्ल्यूएचओ टीम के संभावित दौरे के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, 'आपके लिए मेरे पास विस्तृत ब्योरा नहीं है। डब्ल्यूएचओ के साथ सहयोग को चीन काफी महत्व देता है। स्वास्थ्य संस्था को हम सहयोग एवं सुविधाएं देते आए हैं।' बता दें कि डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों की गवर्निंग बॉडी-विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) ने  पिछले साल मई में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस प्रस्ताव के मुताबिक कोराना के संक्रमण पर वैश्विक सतर्कता की एक निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं व्यापक आंकलन करने के लिए एक पैनल बनाया गया। इस प्रस्ताव में कोरोना महामारी के स्रोत के बारे में पता करने एवं मनुष्यों के संक्रमित होने की जांच भी शामिल है।  

हुआ ने अमेरिका की आलोचना की
कुछ समय पहले चीन के विदेश मंत्री यांग यी ने अपने अपने एक साक्षात्कार में कहा कि हमने इस वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए काफी मेहनत की। हम पहले ऐसे देश थे जिसने दुनिया को इस महामारी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'अधिकतर रिसर्च में यही कहा गया है कि यह महामारी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में सामने आने से फैली होगी।' सोमवार की अपनी मीडिया ब्रीफिंग में हुआ ने अमेरिका की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा अमेरिका हम पर आरोप लगाता है कि कोरोना वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी से लीक हुआ लेकिन उसे अपने इस आरोप को साबित करने के लिए साक्ष्य पेश करना चाहिए।