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china coronavirus death: मौत के जाली आंकड़ों में छिपी है चीन की चालबाजी!

Updated May 11, 2020 | 14:03 IST

China's tactic on corona virus: कोरोना वायरस को लेकर चीन दुनिया के कई देशों के निशाने पर है। उसपर आरोप है कि उसने कोरोना को लेकर वास्तविक स्थिति से दुनिया को गुमराह करने का काम किया ।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
कई देशों ने यह आरोप लगाया कि चीन में शुरुआत से ही असल आंकड़ों को छिपाया जाता रहा है।
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस को लेकर चीन अंतरराष्ट्रीय जगत के कई देशों का तिरस्कार झेल रहा है
  • चीन के आंकड़ों, बयानों और वास्तविक स्थिति को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं
  • चीन पर यह भी आरोप लगे कि उसने समय पर कोरोना के बारे में दुनिया को आगाह नहीं किया

नई दिल्ली: चीन यकीनन दुनिया का एक ऐसा देश है जो दुनिया भर में प्रोपगैंडा,चालबाजी के लिए जाना जाता है। जिस तरह से उसने कोरोना वायरस को लेकर दुनिया को गुमराह किया उसके बाद से उसपर यकीन करना नामुमकिन सा है। चीन की किसी भी बात पर भरोसा करना इसलिए भी मुश्किल होता है कि कई बार वह ऐसे आंकड़े दुनिया के सामने जारी करता है जो सत्य से परे होता है और जिसकी सत्यता अक्सर भ्रम के दायरे में होती है। चीन ने कोरोना वायरस को लेकर भी तमाम तरह के गलत आंकड़े पेश किए। दुनिया के कई देशों ने आरोप लगाया कि चीन वास्तविक आंकड़ा छिपा रहा है। कई देशों ने आरोप लगाया कि चीन कोरोना को लेकर अपने शहरों की वास्तविक स्थिति को छुपा रहा है।

कई देशों ने यह आरोप लगाया कि चीन में शुरुआत से ही असल आंकड़ों को छिपाया जाता रहा है जिसे लेकर चीन बदनाम भी है। इसीलिये चीन के बहुत से आंकड़ों पर दुनिया को कोई विश्वास नहीं है। फिर चाहे वो चीन की कृषि उपज की बात हो, मुद्रा अवमूल्यन का मामला हो, या सकल घरेलू उत्पाद की बात हो। लेकिन ये तो बीमारी से होने वाली मौतों का मामला है। इसे तो अंडर कवर रखना चीन की मजबूरी है। क्योंकि चीन के सामने अब कोई विकल्प बचा नहीं है। कोरोना को लेकर जिस तरह से उसने दुनिया को गुमराह किया उसे लेकर वह काफी बदनाम हो चुका है।

कोरोना पर चीन की दुनिया भर में किरकिरी हुई

चीन पहले ही पूरी दुनिया में वायरस के फैलाव के कारण बदनाम है और पूरी दुनिया के तिरस्कार को झेल रहा है। अगर चीन ने मौतों का सही आंकड़ा दुनिया के सामने पेश किया तो चीन की बहुत किरकिरी होगी, जो चीन कभी नहीं चाहता। पाश्चात्य दुनिया के सामने चीन अपनी छवि को दिनो- दिन बेहतर बनाए रखना चाहता है। हांगकांग से छपने वाले साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की कुल संख्या चार हज़ार नहीं है, अकेले वुहान में ही पचास हज़ार अस्थि कलश लेने के लिये उनके रिश्तेदारों का तांता वहां के विद्युत शवदाह गृह के बाहर लगा था। साथ ही इस अखबार में ये खबर भी छपी कि डेढ़ लाख लोगों के मोबाइल फोन महामारी के बाद से बंद हैं, और ऐसा भी नहीं है कि ये डेढ़ लाख ग्राहक किसी दूसरी फोन सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं, साथ ही उनके वी-चैट ( दुनिया भर में व्हाट्स ऐप की ही तरह चीन के पास अपना खुद का सोशल मीडिया है) भी बंद पड़े हैं।


चीन पर कोरोना को लेकर दुनिया को गुमराह करने का आरोप

चीन पर इस बात के भी आरोप लग रहे हैं कि समय रहते चीन ने अगर दुनिया को ये बता दिया होता कि खतरनाक महामारी चीन में फैल चुकी है और अपनी सीमाएं समय रहते सील कर देता तो दुनिया में चीन को अच्छी नज़र से देखा जाता और इस बात की पूरी संभावना थी कि आज जो दुनिया के 200 से ज्यादा देश कोरोना की चपेट में आ गए हैं वो काफी हद तक बच जाते । कुछ जानकारों का ये मानना है कि चीन ने जानबूझकर ये महामारी पहले चीन और फिर पूरी दुनिया में योजनाबद्ध तरीके से फैलाई, इसके पीछे कारण ये था कि जब ये महामारी चीन मे फैलेगी तो विदेशी निवेशक सबसे पहले अपना व्यवसाय बंद करके भागेंगे, तब चीनी उद्योगपति धूल के भाव विदेशी उद्यमों को खरीद लेंगे। 

चीन की नीति और नीयत हमेशा संदेह के घेरे में

बाद में जब ऐसी ही हालत दूसरे देशों के व्यापार व्यवस्था की होगी तो वहां पर भी चीनी उद्योगपति कम पैसों में ज्यादा निवेश करेंगे। इसका उदाहरण चीनी बैंकों के भारत के एचडीएफ़सी बैंक में निवेश करने का मामला है जिसके बाद भारत सरकार ने सीधे तौर पर किसी भी चीनी और पड़ोसी देश जिसकी ज़मीनी सीमा भारत से लगती है के भारत में निवेश पर रोक लगा दी है। अगर किसी भी विदेशी को भारत में निवेश करना है तो उसे सरकारी तंत्र की प्रक्रिया से होकर गुज़रना पड़ेगा। चीनी निवेशकों पर ऐसे ही प्रतिबंध जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ अन्य देशों ने भी लगाए हैं। कुल मिलाकर यह साफ है कि चीन की चालबाजियां किसी से छिपी नहीं है। वह अपने बयानों,आंकड़ों से दुनिया को गुमराह करता रहा है। यहीं वजह है कि अमेरिका,स्पेन सहित कई विदेश देश उसके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं और उसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बॉयकॉट हो रहा है।