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ताइवान पर अमेरिका से तनातनी के बीच चीन ने रूस भेजे अपने 2000 सैनिक, 21 फाइटर जेट और 3 युद्धपोत, जानिए क्यों? 

शिवानी शर्मा | Deputy News Editor
Updated Aug 31, 2022 | 21:04 IST

रूसी रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि इस मिलट्री एक्सरसाइजेज में सैनिकों के अलावा, एयरबोर्न ट्रूप्स, लॉन्ग रेंज एविएशन और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एविएशन की इकाइयों के बीच युद्धाभ्यास होगा।

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इस युद्धाभ्यास में करीब 50 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं (फोटो साभार- Global Times Pic)

ताइवान को लेकर अमेरिका से तनातनी के बीच चीन ने अपने 2000 सैनिकों को रूस भेज दिया है। सैनिकों के साथ चीन ने 300 सैन्य वाहनों, 21 लड़ाकू जहाज और तीन युद्धपोत भी रूस भेजे हैं। दरअसल चीन, रूस में होने वाले संयुक्त युद्धाभ्यास वोस्तोक-2022 में शामिल हो रहा है। इस युद्धाभ्यास में भारत भी शामिल हो रहा है। भारत, चीन और रूस के अलावा इस मिलिट्री एक्सरसाइज में बेलारूस, मंगोलिया, सीरिया, ताजिकिस्तान, अजरबैजान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और लाओस की सेना भी हिस्सा लेंगी। 

अमेरिका और चीन के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए चीन का रूस में जाकर इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेना बेहद अहम है। वोस्तोक-2022 युद्धाभ्यास पहले 30 अगस्त से 5 सितंबर तक होना था लेकिन रूस ने बाद में घोषणा की कि अब यह एक सितंबर से शुरू होकर 7 सितंबर तक जारी रहेगा। वोस्तोक-2022 अभ्यास में पीएलए की उत्तरी थिएटर कमांड ने अपने 2,000 सैनिकों, 300 वाहनों, 21 विमानों और 3 युद्धपोतों को भेज दिया है।

इस युद्धाभ्यास में करीब 50 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं

24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ अपना सैन्य आक्रमण शुरू करने के बाद रूस द्वारा आयोजित ये पहला बहु-राष्ट्र सैन्य अभ्यास है। इस युद्धाभ्यास में करीब 50 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। भारत की गोरखा रेजीमेंट की एक टुकड़ी, जिसमें 80 सैनिक हैं वोस्तोक एक्सरसाइज में हिस्सा ले रही है। सैन्य बल के अलावा इस एक्सरसाइज में 5000 टैंक, तोप और दूसरे हथियार शामिल हो रहे हैं। 140 एयरक्राफ्ट और 60 युद्धपोत भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा है।

अमेरिका को रूस की इस एक्सरसाइज से दोहरी परेशानी

रूस की ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट (थियेटर कमांड) और पैसेफिक-फ्लीट के तत्वाधान में एक हफ्ते तक चलने वाली इस एक्सरसाइज का आयोजन किया गया है। माना जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन भी इस एक्सरसाइज की समीक्षा करने के लिए व्लादिवोस्तोक पहुंच सकते हैं। अमेरिका को रूस की इस एक्सरसाइज से दोहरी परेशानी है। पहली चीन के इसमें शामिल होने से उसे आपत्ति है, वहीं दूसरी तरफ भारत और रूस की नजदीकी भी अमेरिका को नागवार गुजर रही है। इस युद्धाभ्यास के बारे में अमेरिका के एक प्रवक्ता ने बयान दिया है कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है लिहाजा हम किसी भी देश के रूस की इस एक्सरसाइज में हिस्सा लेने से नाखुश हैं।