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चीन-अमेरिका में और बढ़ी तल्‍खी, 'ड्रैगन' ने अब US को बताया शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा

Updated Sep 14, 2020 | 12:00 IST

China US tension: चीन की भारत के साथ-साथ अमेरिका से भी तल्‍खी बढ़ती जा रही है। इस बीच चीन ने अमेरिका को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। चीन की यह प्रतिक्रिया एक अमेरिकी रिपोर्ट के बाद आई है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
चीन-अमेरिका में और बढ़ी तल्‍खी, 'ड्रैगन' ने अब US को बताया शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा
मुख्य बातें
  • भारत के साथ-साथ चीन की अमेरिका से भी पिछले कुछ समय से खटपट चल रही है
  • बढ़ते तनाव के बीच चीन ने अमेरिका को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है
  • चीन की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक रिपोर्ट के बाद आई है

बीजिंग : चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका को वैश्विक व्यवस्था और विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। चीन की यह टिप्पणी उसकी सैन्य महत्वाकांक्षा को लेकर आई अमेरिकी रिपोर्ट के जवाब में आई है। चीनी सैन्य घटनाक्रम एवं लक्ष्यों पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से अमेरिकी कांग्रेस को वार्षिक तौर पर दी जाने वाली रिपोर्ट दो सितंबर को जारी गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना के लक्ष्यों से अमेरिका के राष्ट्रीय हितों और अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था की सुरक्षा के लिए गंभीर निहितार्थ होंगे।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू क्यान ने रविवार को कहा कि यह रिपोर्ट चीन के लक्ष्यों तथा और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और चीन के 1.4 अरब लोगों के बीच संबंधों को तोड़ती-मरोड़ती है। उन्होंने कहा, 'बीते कई सालों में ऐसे सबूत आए हैं जो दिखाते हैं कि क्षेत्रीय अशांति भड़काने वाला, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को तोड़ने वाला और विश्व शांति को बर्बाद करने वाला अमेरिका है।'

चीन का अमेरिका पर वार

प्रवक्ता ने कहा कि बीते दो दशक में इराक, सीरिया, लीबिया और अन्य देशों में अमेरिका की कार्रवाइयों की वजह से आठ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, 'अपने आप को देखने के बजाय, अमेरिका ने एक रिपोर्ट जारी की जो चीन के सामान्य रक्षा और सैन्य ढ़ाचे पर झूठी टिप्पणी करती है।'

क्यान ने बयान में कहा, 'हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह चीन के रक्षा और सैन्य ढ़ांचे को निष्पक्षता और तर्कसंगत ढंग से देखे तथा झूठे और संबंधित रिपोर्टें जारी करने से बचे और द्विपक्षीय सैन्य संबंधों के स्वस्थ विकास की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।' डेढ सौ से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय ने पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) की तकनीकी क्षमता, सिद्धांतों और लक्ष्यों का परीक्षण किया है।