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Zhang Zhan : जेल में मौत के करीब पहुंच गई है चीन की महिला पत्रकार, वुहान में कोरोना का कवरेज किया था

Updated Nov 05, 2021 | 13:14 IST

Chinese Journalist Zhang Zhan : एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक 38 वर्षीय पूर्व वकील झांग झान फरवरी 2020 में वुहान पहुंची थीं। वुहान पहुंचने के बाद उन्होंने वहां फैली अराजकता एवं महामारी के प्रबंधन को लेकर सवाल किए।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
वुहान में जाकर झांग झान ने कोरोना की रिपोर्टिंग की थी।
मुख्य बातें
  • वुहान में कोरोना का प्रकोप शुरू होने पर वहां रिपोर्टिंग करने गई थीं झांग झान
  • सरकारी कामकाज में बाधा खड़ी करने के आरोप में उन्हें चार साल की सजा हुई
  • महिला पत्रकार झान के मौजूदा हालात की जानकारी उनके भाई ने ट्विटर पर दी है

बीजिंग : कोरोना की उत्पति और इस महामारी से जुड़ी जानकारियां सामने लाने वाले अपने नागरिकों पर चीन की सख्ती एक बार फिर सामने आई है। चीन के वुहान शहर से कोरोना महामारी की शुरुआत की बात कही जाती है। इस शहर में महामारी के फैलाव की शुरुआती रिपोर्टिंग करने वाली महिला पत्रकार  एवं पूर्व वकील झांग झान (38) मौत के नजदीक पहुंच गई हैं। जेल में बंद झांग भूख हड़ताल पर हैं और जेल के अधिकारी नाक के जरिए उन्हें तरल पदार्थ दे रहे हैं। झांग के परिवार के इस खुलासे के बाद मानवाधिकार समूहों ने चीन से तत्काल इस महिला पत्रकार को रिहा करने की मांग की है।

फरवरी 2020 में वुहान पहुंची थीं झांग झान

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक 38 वर्षीय पूर्व वकील झांग झान फरवरी 2020 में वुहान पहुंची थीं। वुहान पहुंचने के बाद उन्होंने वहां फैली अराजकता एवं महामारी के प्रबंधन को लेकर सवाल किए। झांग ने अपने मोबाइल फोन से वीडियो भी बनाए। महामारी के फैलाव पर शुरुआती रिपोर्ट पेश करने पर उन्हें मई 2020 में हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में झांग को चार सालों की सजा सुनाई गई। झांग के भाई झांग जू ने पिछले सप्ताह ट्विटर पर लिखा कि उनकी बहन काफी कमजोर हो गई हैं और उनकी वजन काफी कम हो गया है। जू ने कहा कि 'शायद वह लंबे समय तक जिंदा न रहें।'

जेल में भूख हड़ताल पर हैं झांग

झांग की कानूनी टीम ने एएफपी को इस साल की शुरुआत में बताया कि जेल में बंद झांग भूख हड़ताल पर हैं। अधिकारी नाक के जरिए उन्हें तरल पदार्थ दे रहे हैं। इस कानूनी टीम को झांग के मौजूदा हालात की जानकारी नहीं है। झांग जू ने ट्विटर पर लिखा, 'आने वाले सर्दी में शायद वह जिंदा न रहें।' जू का कहना है कि अपनी बहन को लिखे पत्र में उन्होंने 'अपनी सेहत का ख्याल रखने की बात कही है।' 

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चीन पर बनाया दबाव

जू के इस पोस्ट के बाद उनकी बहन को रिहाई की मांग नए सिरे से उठनी शुरू हो गई है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुरुवार को चीन की सरकार से झांग को तुरंत रिहा करने की मांग की। संगठन ने कहा है कि रिहाई होने से झांग अपना भूख हड़ताल खत्म कर सकेंगी और उन्हें तुरंत चिकित्सा मदद मिल पाएगी। एमनेस्टी के कंपेनर ग्वेन ली ने एक बयान में कहा कि झांग को हिरासत में लिया जाना 'मानवाधिकारों पर एक शर्मनाक हमला है।'