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तो ऐसे जासूसी कराता था ड्रैगन! FBI ने किया चीनी महिला रिसर्चर को गिरफ्तार, PLA से रहा है नाता

Updated Jul 25, 2020 | 06:43 IST

US China tension: चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी एजेंसी FBI ने एक महिला रिसर्चर को गिरफ्तार किया है, जिसके तार चीनी सेना PLA से जुड़े रहे हैं। उस पर वीजा फ्रॉड का आरोप है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
अमेरिका-चीन के संबंधों में तनाव गहराता जा रहा है
मुख्य बातें
  • चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी एजेंसी FBI ने एक महिला रिसर्चर को गिरफ्तार किया है
  • आरोप है कि उसके चीन की सेना PLA के साथ संबंध रहे हैं, लेकिन वीजा आवेदन में उसने यह बात छिपाई
  • अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में पूछताछ के बाद उसने चीनी मिशन में शरण ली

वाशिंगटन : चीन के साथ बढ़ती तल्‍खी के बीच अमेरिका के संघीय जांच ब्‍यूरो (FBI) ने पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) से जुड़ी एक रिसर्चर को गिरफ्तार किया है। उस पर वीजा फ्रॉड का आरोप है और यह भी कहा जा रहा है कि वह सैन फ्रांस‍िस्‍को स्थित वाणिज्‍यदूतावास में छिपी हुई थी। एक अमेरिकी अधिकारी ने आरोप लगाया कि चीन पूरे देश में अपने राजनयिक मिशनों के माध्‍यम से जासूसी कार्यक्रम में जुटा रहा है।

PLA से संबंध छिपाने का आरोप

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने कहा कि चीन अमेरिकी बौद्धिक संपदा को चुराने के लिए यहां के बिजनेस, यूनिवर्सिटीज और रिसर्च केंद्रों को निशाना बनाता रहा है। इससे पहले अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने चीनी महिला रिसर्चर पर आरोप लगाया था कि उसने अपने वीजा आवदेन में चीन की सेना के साथ अपने संबंधों के बारे में जानकारी नहीं दी, लेकिन जांचकर्ताओं को जब PLA के सिविलियन कैडर के यूनिफॉर्म में उसकी तस्‍वीरें मिलीं तो इस मामले का खुलासा हुआ। वह चीन के शियान स्थित फोर्थ मिलिट्री मेडिकल यूनिवर्सिटी में रिसर्चर के तौर पर काम कर चुकी है। 

पूछताछ के बाद चीनी म‍िशन में ली शरण

इस चीनी रिसर्चर का नाम तांग जुआन बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, FBI ने उससे 20 जून को पूछताछ की थी। चीनी सेना PLA के साथ उसके संबंधों और वीजा आवेदन में यह बात छिपाने को लेकर कई सवाल किए गए थे, जिसके बाद वह सैन फ्रांसिस्‍को स्थित चीनी दूतावास में शरण के लिए पहुंच गई, जिसके करीब एक महीने बाद अब उसे हिरासत में लिया गया है।

'चीन ने की जासूसी'

अमेरिकी विदेश विभाग के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, ह्यूस्‍टन स्थित दूतावास को बंद करने के लिए कहकर अमेरिका ने चीन को साफ संदेश दे दिया था कि वह अमेरिकी साइंस और टेक्‍नोलॉजी से जुड़ी जानकारियों को चुराने के अपने अभियान से बाज आए। उन्‍होंने यह भी कहा कि चीन ने अमेरिकी समाज में बिना किसी बाधा के खुली पहुंच का बेजा फायदा उठाया और इसका दुरुपयोग किया।

चीन का पलटवार

वहीं, चीन ने जासूसी और बौद्धिक संपदा चुराने के अमेरिका के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्‍हें 'दुर्भावनापूर्ण लांछन' करार दिया। चीन का यह भी कहना है कि अमेरिका का कदम अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का उल्‍लंघन है और इससे दोनों देशों के कूटनीतिक संबंध खराब होंगे। वहीं ह्यूस्‍टन स्थित अपना वाणिज्‍य दूतावास बंद किए जाने पर पलटवार करते हुए चीन ने अमेरिका के चेंगदू स्थित वाणिज्‍यदूतावास को बंद करने का आदेश दिया है।