- घर पर स्लाइवा यानी लार (Saliva) से कोरोनावायरस की होगी US में जांच
- अबअमेरिका में लोग बिना डॉक्टर के पास जाये घर बैठे खुद ही कोरोनावायरस की जांच कर सकेंगे
- कोरोना की जांच के इस नए तरीके से अब लोग घर पर ही एक शीशी या छोटी बोतल में थूकना होगा
नई दिल्ली: अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने रग्टर यूनिवर्सिटी के RUDCDR इनफिनाइट बायोलॉजिक्स (RUCDR Infinite Biologics)को आपातकाल में घर पर स्लाइवा यानी लार (Saliva) से कोरोनावायरस की जांच के लिए अधिकृत मंजूरी दी है। अब अमेरिका में लोग बिना डॉक्टर के पास जाये घर बैठे खुद ही कोरोनावायरस की जांच कर सकेंगे। अभी तक कोरोनावायरस की ज्यादातर जांच गले या नाक की सूजन के सैंपल से डॉक्टर के क्लीनिक या लैब में होती थी। Webmd वेबसाइट ने इस बात की पुष्टि की है। प्रशासन की तरफ से इसपर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।
ये होगा जांच का तरीका
कोरोना की जांच के इस नए तरीके से अब लोग घर पर ही एक शीशी या छोटी बोतल में थूकना होगा। इसके बाद इस शीशी को लैब भेजना होगा। लैब में इस सैंपल से कोरोना की जांच की जायेगी। हालांकि, इस टेस्ट को कराने की सलाह डॉक्टर को देनी होगी तभी यह हो पाएगा।FDA के कमिश्नर स्टेफन एम हेन, एम.डी ने एक बयान में कहा कि घर पर सैंपल कलेक्शन के साथ अतिरिक्त जांच को मंजूरी देने से कोरोना की जांच के लिए मरीजों की पहुंच बढ़ेगी। इस अतिरिक्त तरीके से आसान, सुरक्षित और सुलभ तरीके से बिना डॉक्टर के क्लीनिक, अस्पताल या जांच केंद्र जाये कोरोना की जांच होगी।
घर पर कोरोना का सैंपल खुद ही लेने से हेल्थ वर्कर्स के ऊपर खतरा कम होगा
इस पर RUDCR के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और टेक्नोलॉजी डिवेलपमेंट के डायरेक्टर एंड्रयू ब्रूक्स ने कहा कि घर पर सलाइवा टेस्ट से कोरोना की जांच के लिए लोगों की संख्या में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि इस जांच के और भी फायदे हैं।उनके मुताबिक, घर पर कोरोना का सैंपल खुद ही लेने से हेल्थ वर्कर्स के ऊपर खतरा कम होगा। चूंकि, कोरोना की जांच के लिए नेसफारयन्जेल या ओरोफारयन्जेल कलेक्शन में हेल्थ वर्कर्स को संक्रमण का खतरा होता है। हालांकि, FDA ने पिछले महीने रटगर्स (Rutgers) को स्लाइवा टेस्ट के इमर्जेंसी उपयोग की मंजूरी दी थी। लेकिन घर पर इसकी जांच के लिए रेग्युलेटरी ने हाल ही में अपना अप्रूवल दिया है।
गौर हो कि चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस संक्रमण से दुनिया भर में 2,50,000 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं। इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका हुआ है, जहां इसके कारण 80,000 लोगों की मौत हो चुकी है और 14 लाख लोग इससे संक्रमित हैं।