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कभी समझाकर तो कभी धमकाकर वुहान में 'ड्रैगन' ने ऐसे कराया 65 लाख लोगों का कोरोना टेस्‍ट

Updated May 27, 2020 | 16:15 IST

Coronavirus test in Wuhan: चीन ने अपने शहर वुहान में पूरी आबादी का टेस्‍ट कराने का फैसला लिया है। यहां अब तक 65 लाख लोगों के टेस्‍ट कराए जा चुके हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
कभी समझाकर तो कभी धमकाकर वुहान में 'ड्रैगन' ने ऐसे कराया 65 लाख लोगों का कोरोना टेस्‍ट
मुख्य बातें
  • चीन ने पिछले दिनों वुहान की पूरी लगभग 1.1 करोड़ आबादी का टेस्‍ट कराने का फैसला लिया था
  • कोरोना संक्रमण के बिना लक्षण वाले कई मामले अचानक सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया था
  • चीन के इसी शहर में कोरोना संक्रमण का पहला केस दिसंबर 2019 में सामने आया था

बीजिंग : चीन ने पिछले दिनों वुहान शहर में पूरी आबादी का कोरोना वायरस का टेस्‍ट कराने का फैसला लिया था। यह फैसला वुहान के एक रिहायशी इलाके में छह लोगों के संक्रमित होने के बाद लिया गया था। इससे पहले अप्रैल के शुरुआती दिनों में वुहान से संक्रमण के मामले आने बंद हो गए थे, जिसके बाद लॉकडाउन लिया गया था। लेकिन वुहान में नए मामलों के मिलने से स्‍थानीय प्रशासन में चिंता बढ़ी। इनमें अधिकांश ऐसे मामले थे, जिनमें मरीजों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं था। ऐसे में चीन ने वुहान की पूरी आबादी का टेस्‍ट 10 दिनों के भीतर कराने का फैसला लिया।

वुहान में कैसे हो रहा टेस्‍ट?

वुहान में मेडिकल स्‍टाफ लोगों के नमूने लेने के लिए निर्माण स्‍थलों, बाजारों जैसे सार्वजनिक स्‍थलों का दौरा कर रहे हैं, जबकि कुछ अन्‍य रिहायशी इलाकों में जाकर उन लोगों के सैंपल एकत्र कर रहे हैं, जो बुजुर्ग हैं या किसी तरह की शारीरिक विकलांगता के शिकार हैं। अधिकारी विभिन्‍न इलाकों में जाकर लाउडस्‍पीकर्स से अनाउंसमेंट करवा कर उन्‍हें टेस्‍ट के लिए प्रेरित कर रहे हैं और बता रहे हैं कि यह उनके ही हित में है। वुहान की कुल 1.11 करोड़ की आबादी में से अब तक 65 लाख लोगों का टेस्‍ट कराया जा चुका है।

सरकार क्‍यों करा रही टेस्‍ट?

वुहान में सरकार टेस्टिंग का खर्च खुद वहन कर रही है। हालांकि इस पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि ऐसे में जबकि कोरोना संक्रमण के कारण अर्थव्‍यवस्‍था पहले से ही प्रभावित है, इतना बड़ा खर्च टेस्‍ट पर किए जाने की आवश्‍यकता नहीं है, जिसमें हजारों की संख्‍या में मेडिकल स्‍टाफ, टेस्टिंग किट और प्रोटेक्टिव गीयर की भी आवश्‍यकता है। लेकिन सरकार इसे वुहान में सामान्‍य स्थिति बहाल करने और लोगों में कोरोना संक्रमण के कारण फैले भय को दूर कर भरोसा कायम करने के अवसर के तौर पर देख रही है।

क्‍या हैं चुनौतियां?

टेस्‍ट को लेकर सरकार के समक्ष कई चुनौतियां हैं, क्‍योंकि बहुत से लोग अब भी डरे हुए हैं और टेस्‍ट के लिए भी किसी बाहरी व्‍यक्ति के संपर्क में आना नहीं चाहते। उन्‍हें डर है कि अगर वह पहले से ठीक हुए तो टेस्टिंग के दौरान मेडिकल स्‍टाफ या किसी अन्‍य के संपर्क में आने से भी वे संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में वे कोविड-19 के टेस्‍ट के लिए आसानी से तैया नहीं हो रहे हैं। प्रशासन ऐसे लोगों के साथ थोड़ी सख्‍ती भी बरत रहा है। न्‍यूयार्क टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों को टेस्‍ट के लिए राजी करने के मकसद से उन्‍हें अनाउंसमेंट के जरिये चेताया भी जा रहा है कि अगर उन्‍होंने ऐसा नहीं किया तो उन्‍हें सुपरमार्केट्स या बैंकों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

लोगों को क्‍यों लग रहा डर?

ऐसे ही व्‍यक्ति का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वह शख्‍स कोरोना संक्रमण के टेस्‍ट के लिए तभी तैयार हुआ, जब उनके बच्‍चे के स्‍कूल से कहा गया कि वह तभी पढ़ने आ सकता है। वुहान में सरकार के इस फैसले से कई लोगों में नाराजगी भी है, जिनका मानना है कि यह बस 'औपचारिकता' भर है और इस दौरान कई बार उन्‍हें बेहद 'अव्‍यवस्थित' हालात का सामना करना पड़ता है, जिससे संक्रमण स्‍वस्‍थ लोगों में भी बढ़ सकता है। उनका कहना है कि लगभग 1.11 करोड़ की आबादी वाले शहर में 1 लाख लोगों के नमूनों की जांच भी इसका पता लगाने में पर्याप्‍त होती कि आखिर संक्रमण का दायरा यहां किस हद तक है।