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कोरोना संकट में भी धर्म के आधार पर भेदभाव कर रहा पाकिस्तान, हिंदुओं को नहीं दे रहा राशन

Updated Apr 01, 2020 | 12:45 IST

कोरोना वायरस के संकट के दौरान भी पाकिस्तान धर्म के आधार पर भेदभाव कर रहा है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लॉकडाउन के दौरान हिंदू और ईसाई समुदायों के लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पाकिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान में कोरोना वायरस के 2000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, 26 की मौत हो चुकी है
  • लॉकडाउन में हिंदुओं और ईसाईयों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है
  • हिंदुओं को पाकिस्तान में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार नई बात नहीं हैं

नई दिल्ली: पाकिस्तान कोरोना वायरस जैसे संकट के बीच भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हिंदू और ईसाई समुदायों के सदस्यों का कहना है कि उन्हें सिंध प्रांत में अधिकारियों द्वारा राशन से वंचित रखा गया है। एक हिंदू स्थानीय का कहना है, 'लॉकडाउन के दौरान अधिकारी हमारी मदद नहीं कर रहे हैं, हमें राशन भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि हम अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।'

वहीं सिंध प्रांत की ईसाई स्थानीय महिला ने बताया, 'शुरू में, अधिकारियों ने कहा कि सभी को लॉकडाउन के दौरान राशन मिलेगा लेकिन बाद में उन्होंने ईसाईयों को देने से इनकार कर दिया। हम भी पाकिस्तानी हैं और कराची में रह रहे हैं। धर्म के आधार पर इस तरह का भेदभाव उचित नहीं है।' 

ना खाना ना पैसा
कराची में हिंदू समुदाय के एक और सदस्य ने कहा, 'हम केवल यह सुनते हैं कि हमारे पड़ोस में लोग आवश्यक सामान प्राप्त कर रहे हैं। मेरा बेटा रिक्शा चलाता है। लॉकडाउन के कारण, सभी सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। वह घर पर बेकार बैठा है। हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है। हमारे पास पैसे नहीं हैं। यहां तक कि जब हम राशन वितरण केंद्रों पर जाते हैं, तो अधिकारी हमें आश्वासन देते हैं कि वे अलग-अलग ट्रकों में आवश्यक वस्तुएं भेजेंगे, लेकिन अंततः वे नहीं करते हैं।'

खाद्य आपूर्ति का वितरण स्थानीय सरकार द्वारा जिला सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।  कराची में ईसाई समुदाय के एक सदस्य ने बताया, 'यह लॉकडाउन का दूसरा सप्ताह है और हमारे पास घर पर खाना नहीं है। अधिकारी केवल वोट मांगने के लिए हमसे मिलने आते हैं। हमारे पास खाना खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं। लॉकडाउन के कारण हमारे दैनिक जीवन ठप हो गया है। किसी के पास नहीं है। जिन समस्याओं का हम सामना कर रहे हैं, उनके बारे में अभी तक किसी ने हमसे नहीं पूछा है।'

इससे पहले भी खबर आई थी कि इमरान खान सरकार हिंदुओं को राशन नहीं दे रही है, जबकि मुसलमानों को राशन और जरूरी सामान दिया जा रहा है। ऐसा सिंध प्रांत के कराची शहर में हो रहा है। इस पर कराची प्रशासन का कहना था कि राशन केवल मुसलमानों के लिए आया है। ना कि हिंदुओं के लिए। पूरे सिंध में राशन देने से इनकार किया जा रहा है। यहां स्क्रिनिंग के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। हजारों लोग एक जगह इकट्ठा भी हो रहे हैं। सिंध सरकार ने आदेश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी कामगारों और मजदूरों को स्‍थानीय एनजीओ और प्रशासन की ओर से राशन दिया जाए। 

लगातार बढ़ रहे हैं मामले
पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद बढ़कर 2039 हो गई है और 26 लोगों को मौत हो चुकी है। यहां कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित पंजाब है, जहां 708 मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद सिंध में 676, खैबर पख्तूनख्वा में 253, बलूचिस्तान में 158, गिलगित-बल्तिस्तान में 184 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छह लोग इस घातक विषाणु की चपेट में आए हैं। अभी तक 82 लोग ठीक हुए हैं।

सेना की तैनाती
सरकार ने इस संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अपने प्रयास तेज कर रही है और लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए देश भर में सेना की तैनाती की गई है। स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार डॉ. जफर मिर्जा ने अपनी दैनिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदमों की वजह से पाकिस्तान में वायरस का प्रकोप काबू में है।