नई दिल्ली : कोरोना वायरस से चीन में जहां 3,000 से अधिक लोगों मौत हो गई है, वहीं भारत में भी यह संक्रामक वायरस पहुंच चुका है, जिससे लेकर लोगों में खौफ बढ़जा जा रहा है। चीन के अलावे दुनिया के कई अन्य देश भी इसकी जद में हैं, जहां इस संक्रामक वायरस की रोकथाम के लिए तमाम उपाय अपनाए जा रहे हैं। चीन में तबाही मचाने वाला यह वायरस जिस तरह पूरी दुनिया में तेजी से फैलता जा रहा है, उसे देखते हुए ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह वैश्विक स्तर पर महामारी का रूप ले सकता है। आइये जानें, दुनिया में व्यापक पैमाने पर तबाही मचा चुकी 6 बड़ी माहामारियों के बारे में:
ब्लैक डेथ (1346-1353)
मानव जीवन को सबसे अधिक तबाह करने वाली महामारी के तौर पर ब्लैक डेथ को जाना जाता है, जिसके कारण दुनियाभर में 20 करोड़ लोगों की जान चली गई थी। इसकी शुरुआत एशिया से बताई जाती है, जिसने देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। इस बीमारी ने वर्ष 1346 से 1353 के बीच तबाही मचाई थी, जिसका कारण जहाजों पर मिले काले चूहे को बताया गया, जो उस जमाने में समुद्र पार यात्रा के लिए प्रचलित साधान था।
तीसरा हैजा (1852)
इस महामारी से दुनियाभर में 10 लाख लोगों की जान गई थी। 1852 में पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाली इस महामारी की शुरुआत भारत से बताई जाती है, जब यहां ब्रिटिश राज हुआ करता था। यह वो दौर था, जब चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत प्रगति नहीं हुई थी।
फ्लू (1889-1890)
फ्लू की वजह से भी पूरी दुनिया में 10 लाख लोगों की जान गई थी, जो H3N8 वायरस से फैला था। यह वायरस रूस से फैला था, जिसने जल्द ही पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। इस जानलेवा वायरस ने 1889 से 1890 के बीच तबाही मचाई थी।
छठा हैजा (1910-11)
इस महामारी की शुरुआत भी भारत में हुई थी, जिसके बाद यह मध्य एशिया, उत्तरी अमेरिका, पूर्वी यूरोप और रूस में फैल गया। छठा हैजा नाम की इस महामारी से दुनियाभर में आठ लाख लोगों की जान गई थी, जिसने 1910-11 में इंसानी जिंदगियां लील ली थी।
एशियन फ्लू (1950-1957)
दुनियाभर में तबाही मचाने वाली महामारियों में एशियन फ्लू भी शामिल है, जिसके कारण 20 लाख लोगों की जान गई। यह 1950 में सामने आई थी, जिसका असर 1957 तक रहा था। बाद में इसका टीका ईजाद हुआ, जिसके बाद इस पर काबू पाया जा सका।
हांगकांग फ्लू (1968)
हांगकांग फ्लू नाम की महामारी से दुनियाभर में 10 लाख लोगों की जान गई थी। यह एंन्फ्लुएंजा वायरस से फैला था और इसका सबसे अधिक असर एशिया में देखा गया था। इसका नाम H3N2 बताया गया। इस महामारी ने 1968 में दुनियाभर में कहर मचाया था।