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Coronavirus: क्‍या महिलाओं के लिए कम खतरनाक है कोरोना वायरस? रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Updated Feb 05, 2020 | 14:02 IST

कोरोना वायरस शरीर के महत्‍वपूर्ण अंगों को सीधे प्रभावित करता है। इसका खतरा महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक होने की बात सामने आ रही है। इससे मल्‍टी ऑर्गेन फेल्‍योर तक की स्थिति सामने आ रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
कोरोना वायरस के कारण चीन में मरने वालों का आंकड़ा 490 हो गया है

नई दिल्‍ली : चीन में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। इस जानलेवा वायरस की चपेट में आकर अब तक 490 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 24,324 लोगों के इससे संक्रमि‍त होने की पुष्टि हो चुकी है। इस बीच जानलेवा संक्रमण को लेकर कई बातें सामने आ चुकी हैं। अब जो एक नया रिसर्च सामने आया है, उसके मुताबिक कोरोना वायरस महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है।

विशेषज्ञों का साफ कहना है कि इस गंभीर संक्रामक बीमारी के उपचार के लिए फिलहाल कोई दवा नहीं है और इसलिए फिलहाल बचाव ही इसका एकमात्र उपचार है। डॉक्‍टर्स का यह भी कहना है कि शुरुआती चरण में इसके बारे में पता लगाना अधिक महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि समय के साथ इसमें जटिलताएं बढ़ती जाती हैं और फिर इसके चंगुल से निकलने का अवसर भी धीरे-धीर कम होता चला जाता है।

हो सकता है 'मल्‍टी ऑर्गेन फेल्‍योर'
कोरोना वायरस का संक्रमण न केवल सर्दी जुकाम, बुखार और निमोनिया की वजह बनता है, बल्कि यह शरीर के महत्वूर्ण अंगों को भी क्षतिग्रस्‍त करता है और फिर 'मल्‍टी ऑर्गेन फेल्‍योर' तक की स्थिति आ सकती है, जिसमें चिकित्‍सकों के हाथ से भी सबकुछ निकल जाता है। खास तौर पर‍ निमोनिया जैसे किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्‍टर्स से तुरंत संपर्क करने और तत्‍काल इलाज शुरू किए जाने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।

कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा किसे सबसे अधिक होता है, इसे लेकर वुहान में एक रिसर्च किया गया, जहां सबसे पहले इसका मामला सामने आया था। रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में इसका खतरा अधिक हो सकता है। 'लांसेट' में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, वुहान के अस्‍पतालों में महिला मरीजों की तुलना में पुरुष मरीज अधिक दिखे हैं।

इन्‍हें होता है सबसे अधिक खतरा
शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी वजह महिलाओं में मौजूद एक्‍स क्रोमोसोम और उनके सेक्‍स हार्मोन्‍स हो सकते हैं, जो परिस्थितियों के अनुसार रोग प्रतिरोधक क्षमता में कुछ हद तक बदलाव लाते हैं। उनका यह भी कहना है कि जिन लोगों में हृदय रोग से जुड़ी समस्‍याएं, डायबिटीज या अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य जटिलताएं होती हैं, उनमें इसका खतरा अधिक होता है। कई मरीजों में फेफड़ों के प्रभावित होने और किडनी फेल होने का मामला भी सामने आया है।

इसके अतिरिक्‍त कोरोना वायरस उन लोगों को सीधे प्रभावित करता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इस लिहाज से बुजुर्गों और बच्‍चों को खास एहतियात बरतने की चेतावनी दी जा रही है, जिनकी इम्‍युनिटी बहुत मजबूत नहीं होती। इसके अलावे किसी भी तरह की बीमारी से पहले से पीड़‍ित लोगों के भी इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की चपेट में जल्‍द आ जाने का खतरा होता है। खासकर अस्‍थमा के मरीजों को विशेष सतर्कता बरने की जरूरत है।