लाइव टीवी

'जोकर हैं डोनाल्‍ड ट्रंप, ईरान की पीठ में घोंपेंगे जहरीला खंजर'

Updated Jan 17, 2020 | 18:00 IST

US Iran tension: ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला अली खामनेई ने करीब आठ साल बाद जुमे की नमाज के लिए एकत्र हुई भीड़ को संबोधित किया और अमेरिका को खुली चुनौती दी।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspAP
ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्ला अली खामनेई

तेहरान : अमेरिका के साथ तनाव के बीच ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 'जोकर' बताया है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति ईरान के लोगों के समर्थन की जो बात करते हैं, वह महज दिखावा है और दरअसल उनकी मंशा ईरान की पीठ पर 'जहरीला खंजर' घोंपने की है।

ईरान के सर्वोच्‍च नेता ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के बारे में यह तल्‍ख टिप्‍पणी शुक्रवार के नमाज के लिए जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए की। यह 2012 के बाद पिछले 8 साल में शुक्रवार की नमाज को उनका पहला संबोधन था। इस दौरान उन्‍होंने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी का भी जिक्र किया, जिनकी इसी महीने अमेरिकी ड्रोन हमले में इराक में जान चली गई।

खामनेई (80) ने कहा कि अमेरिका ने इस्‍लामिक स्‍टेट जैसे आतंकी संगठन के खिलाफ लड़ने वाले ईरान के सबसे प्रभावी कमांडर की 'हत्‍या कायराना तरीके' से की। उसने जो हरकत की है, वह उसकी 'आतंकी प्रवृति' को दर्शाता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सुलेमानी के जनाजे में उमड़ी भीड़ से यह साफ हो गया है कि ईरान में लोग किस तरह अपनी सरकार के साथ खड़े हैं।

उनका यह बयान सुलेमानी की हत्‍या और अमेरिका से तनाव के बीच 11 जनवरी को ईरान द्वारा यूक्रेन के एक व‍िमान को मार गिराए जाने के बाद देशभर में हो रहे व्‍यापक विरोध-प्रदर्शन के बीच आया है, जिसमें शामिल प्रदर्शनकारी शीर्ष नेताओं से इस्‍तीफे की मांग कर रहे हैं। शुरुआत में ईरान ने इसमें अपनी भूमिका से इनकार किया था, लेकिन बाद में कबूल किया कि उसने गलती से विमान को मार गिराया। इस घटना में विमान में सवार सभी 176 लोगों की जान चली गई, जिनमें से अध‍िकांश ईरान के नागरिक थे।

खामनेई ने विमान को गलती से गिराए जाने की घटना को 'भयानक हादसा' करार देते हुए यह भी कहा कि इस दुर्घटना ने ईरान के लोगों को जितना दुख पहुंचा है, उतनी ही खुशी दुश्मनों को हुई है। ईरान के सर्वोच्‍च नेता ने यह भी कहा कि उनका देश बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह बातचीत अमेरिका के साथ नहीं होगी। उन्‍होंने यह भी कहा कि पश्चिम देशों में इतना दम नहीं है कि वे ईरान को 'घुटनों के बल' ला दें।