Covid 19 in Europe : कोरोना वायरस महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। भारत सहित कई देशों में संक्रमण के मामले कुछ हद तक कम हुए हैं, जिसके बाद लोगों में एक तरह की लापरवाही भी देखी जा रही है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है और कहा है कि 1 मार्च तक दुनिया के 53 देशों में 7 लाख से अधिक लोगों की जान इस घातक संक्रमण से जा सकती है। ऐसे में अंदेशा इसी बात का है कि कोविड-19 को लेकर लोगों की लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए।
WHO ने मंगलवार को कहा कि यूरोप अब भी COVID-19 की गिरफ्त में है। अगर मौजूदा रूझान जारी रहता है तो अगले साल 1 मार्च तक यूरोपीय जोन के 53 देशों में 7 लाख से अधिक लोगों की मौत कोविड-19 से हो सकती है, जिससे यहां जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर तकरीबन 22 लाख हो जाने का अंदेशा है। यहां 15 लाख से अधिक मौतें अब तक कोविड-19 के कारण हो चुकी है। मौजूदा हालात को देखते हुए WHO ने यह भी कहा है कि 1 मार्च, 2022 तक उक्त 53 में से 49 देशों में ICU को लेकर तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
कई देशों में उठाए जा रहे एहतियाती कदम
यूरोप में कोविड-19 महामारी के प्रकोप को देखते हुए कई देशों ने पहले ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ऑस्ट्रिया ने जहां इस सप्ताह फिर से लॉकडाउन की घोषणा की है, वहीं जर्मनी और नीदरलैंड भी अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा करनेवाले हैं। यहां कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के लिए कई देशों में धीमे टीकाकरण, डेल्टा संस्करण के साथ-साथ प्रतिबंधों में ढील देने को जिम्मेदार समझा जा रहा है।
WHO के आंकड़ों के अनुसार, यूरोप के कई देशों में बीते कुछ सप्ताह में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोविड-19 को देखते हुए ग्रीस, फ्रांस और जर्मनी सहित कई देशों में कोविड-19 वैक्सीनेशन के बूस्टर डोज पर जोर दिया जा रहा है।